Silver Ring Benefits: चांदी की अंगूठी चमका सकती है भाग्य, बस धारण करते समय कर लें ये काम
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Silver Ring Benefits: चांदी की अंगूठी चमका सकती है भाग्य, बस धारण करते समय कर लें ये काम

Chandi Ka Challa: चांदी की अंगूठी धारण करने से ग्रह दोषों से मुक्ति के साथ-साथ कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियों से राहत मिलती है. चांदी की अंगूठी को धारण करने के लिए कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं.

 

फाइल फोटो

Benefits Of Silver Ring: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्न को किसी धातु की अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है. सभी नवग्रहों का संबंध किसी न किसी रत्न या धातु से होता हैं. जैसे सोने का संबंध गुरु ग्रह से माना जाता है तो चांदी का संबंध शुक्र और चंद्रमा के माना जाता है. शुक्र ग्रह सौभाग्य, संपन्नता, धन, प्रेम का कारक है. वहीं चंद्रमा मन का कारक होता है. इसलिए जो व्यक्ति चांदी की अंगूठी धारण करता है उसका भाग्य चमक जाता है.

चांदी की अंगूठी पहनने के लाभ

शास्त्रों के अनुसार अगर किसी की कुंडली में चंद्रमा या शुक्र अशुभ प्रभाव दे रहा है तो उसे चांदी की अंगूठी धारण करने की सलाह दी जाती है.

शास्त्रों के अनुसार चांदी मन और दिमाग को शांत रखता है. चांदी की अंगूठी पहनने से शरीर में वात, पित्त और कफ जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर  कोई व्यक्ति घर में लक्ष्मी का वास चाहता है तो उसे चांदी की अंगूठी कनिष्ठा उंगली (हाथ की सबसे छोटी उंगली) में पहननी चाहिए. इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है.

शास्त्रों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ स्थिति में हैं तो उसके घर हमेशा लड़ाई-झगड़े होते हैं. ऐसे व्यक्ति का जीवन मानसिक तौर पर बहुत कष्टदायक हो जाता है. इससे बचने के लिए ऐसे लोगों को चांदी की अंगूठी धारण करने की सलाह दी जाती है.

जानें कैसे धारण करें चांदी की अंगूठी

शास्त्रों के अनुसार चांदी की अंगूठी सोमवार या शुक्रवार के दिन धारण करने की सलाह दी जाती है. इसे धारण करने के लिए सबसे पहले रविवार या गुरुवार के दिन चांदी अंगूठी खरीदकर इसे रात भर एक कटोरी में दूध डालकर रख लें. अब अगली सुबह यानी सोमवार या शुक्रवार के दिन इसे साफ पानी से धोकर मंदिर में रखे लें. अब समस्त देवी-देवताओं का स्मरण करते हुए अंगूठी की पूजा करें.

अब चंदन लगाकर धूप-बत्ती दिखाएं और अक्षत अर्पित करें. पूजा के बाद इसे हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण कर लें. ध्यान रखें कि महिलाएं इसे बाएं और पुरुष इसे दाएं हाथ की उंगली में धारण करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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