नरेंद्र मोदी
फलक पर चमका आशा और उम्मीदों का सितारा
इतने कर्मठ व्यक्ति को भी लोगों की कितनी बातें सुनने को मिली. इतिहास के पन्नो को जब कभी पढ़ते हैं तो पाते हैं कि जब- जब भी किसी राजा ने देशहित में कुछ करना चाहा है तो उसके अपने ही लोग शत्रु पक्ष से मिल गये. पढ़कर मन खराब हो जाता है कैसे लोग अपनो में ही बुराई ढूंढ लेते हैं.
Jun 3,2019, 13:11 PM IST
रेखा गर्ग
मुस्कान, परिवार नहीं ये धड़कने सिर्फ वतन के लिए
कहं छुपाकर रखते हैं वो इतना साहस कि हमें हमारी ही जिन्दगी बेमानी सी लगने लगती है. हम अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में असंख्य ऐसी बातों का सामना करते हैं जो निर्रथक होती है. जिनके बिना भी जिया जा सकता है.
Mar 6,2019, 14:08 PM IST
शहीदों की शहादत को शत-शत नमन
आतंकी जानवरों ने तमाम उम्मीदों को खत्म कर दिया. असंख्य घरों के चिरागों को बुझा दिया.
Feb 21,2019, 11:10 AM IST
राजनीतिक बयानबाजी
हमारे लिए देश सर्वोपरि है...
कहते हैं राजनीति का आईना बड़ा धुंधला होता है. वैसे तो राजनीति हमेशा से ही समझ से परे की बात रही है, लेकिन आज तो राजनीति की परिभाषा ही बदल गई है.
Jan 25,2019, 13:52 PM IST
सड़क दुर्घटनाएं
दर्द का पैगाम देती सड़कें
आपाधापी,जनसंख्या वृद्धि और नित्यप्रति बढ़ते वाहनों ने जिन्दगी की परिभाषा ही बदल दी है. आज सीधा-सादा जीवन मुश्किलों से भरा हो गया है, आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं.
Dec 4,2018, 23:06 PM IST
बेराजगारी
काश कि खुशियां सबके दामन में हों, वह दिन कब आएगा
हिन्दुस्तान की गरीबी दूर करने के लिए मतगणना, जनगणना व जातिगणना से ज्यादा जरुरी है रोजगार गणना.
Sep 6,2018, 17:02 PM IST
पानी
हम कब समझेंगे पानी की एक बूंद की कीमत
पानी की कमी हमें कहां तक ले जाएगी, ये आज का गम्भीर विषय है. हमें समय रहते ही सचेत होना होगा. पानी की कमी से हमें भविष्य में अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
Sep 1,2018, 12:36 PM IST
पति पत्नी
प्रेम का बन्धन अटूट है
पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ अहम की लड़ाई पर आ जाते हैं. भूल जातें है कि जब रिश्ते बंधे तब किसी की नहीं सुनी, ना समाज की, ना माता-पिता की, ना जात-पात के बन्धनों की.
Aug 20,2018, 20:24 PM IST
केवल बेटियां ही नहीं बेटे भी संस्कार लेकर बड़े हों...
घर में प्रथम गुरु माता-पिता छोटी-छोटी बातों के लिए मोह और प्रेम के वशीभूत होकर जब अपनी संतान की गलतियों को नजरअन्दाज करेंगें तो समाज में अवरोध ही पैदा होंगे.
Jul 2,2018, 15:50 PM IST
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
Opinion: योग ही साधना है, देश का एक अनमोल वरदान है
योग सिर्फ आज का ही विषय नहीं है, वरन् हर युग में, हर काल में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग साधना की जाती रही है.
Jun 21,2018, 21:46 PM IST
रिश्ते
उदासीन रिश्ते
खुशियों व खनखनाहट से भरी जिन्दगी आज तनाव से भरी हो गई है.आज आदमी के पास गाड़ी,मकान पैसा सब कुछ है नहीं है तो समय और रिश्ते. आज जिन्दगी काम का और पैसा कमाने का ही नाम बनकर रह गई है.
Jun 11,2018, 19:40 PM IST
गरीबी
मायूसियों में दबी जिन्दगी
मैंने जल्दी से फ्रिज से ठंडी बोतल निकाली, गिलास लेकर आई और कहा सुनो भैया मुझे माफ करना मैंने गलत कह दिया था. भरी दोपहरी में सब्जी मत बेचा करो बिमार पड़ जाओगे.
Jun 4,2018, 12:55 PM IST
बेटियां
'मायका बेटियों की विरासत है'
बेटियां तो विवाह के बाद भी दिल से जुड़ी होती हैं, एक साथ कई किरदार निभाने में कुशल होती हैं, विपरीत परिस्थिति में भी विचलित नहीं होती.
May 22,2018, 14:56 PM IST
मानवता
'दिव्यांगों को प्रेम और समय दें'
जिंदगी अपनी रफ्तार से दौड़ती रहती है गुजरते हर पल में सब अपने आप में इतने व्यस्त रहते हैं कि किसी को किसी के लिये समय ही नहीं है. हमारे आसपास कितने निरीह विकलांग दुखी लोग हैं, क्या हम इनके लिए कभी कुछ कर पाते हैं?
May 16,2018, 0:37 AM IST
reservation
आरक्षण का सहारा न लें, स्वावलंबी बनें
कर्म की प्रधानता होनी चाहिए उसी के हिसाब से मूल्यांकन होना चाहिए. जो सम्पन्न हैं जाति से दलित हैं. यदि वह भी आरक्षण चाहते हैं तो वे दलित ही रहेंगे. अपनी सोच से अपने विचारों से. ना जाने क्यों जब-जब आगे बढ़ना चाहते हैं तब-तब कमजोर जातिगत भावनाए भारत को आहत कर देती हैं.
Apr 12,2018, 15:11 PM IST
International Women's Day
महिला... शब्द भी जिसकी महिमा का वर्णन नहीं कर सकते
वाणी जिसकी गरिमा का वर्णन नहीं कर सकती, शब्द जिसकी महिमा को बांध नहीं सकते जिसका व्याख्यान सृष्टि का कण-कण करता है, जो अपने त्याग, बलिदान व्यक्त्तिव से घर-परिवार समाज को आलोकित कर रही है, वह नारी किसी एक दिन की अवधि में सिमट कर अपने अस्तित्व का आभास कराए यह विरोधाभास ही है.
Mar 6,2018, 17:12 PM IST
Rekha Garg
माता-पिता के कांपते हाथों को ठुकराएं नहीं, उन्हें थामें
थाम लें उन कोमल, निरीह, कांपते हाथों को जिन्होंने तुम्हारे हौसलों को उड़ानें दी हैं, जिन्होंने तुम्हारी जिंदगी को दिशा दी है. अपने समय को भरपूर जी लेने वाले उन दीन-हीन माता-पिता की संतान कहलाने वाले, वक्त के हाथों मजबूर होते उन कमजोर माता-पिता के भाग्य की लकीरें बन जाओ.
Mar 3,2018, 14:25 PM IST
Happy New Year 2018
'नई सोच व मधुर मुस्कान से स्वागत करें नववर्ष का'
परिवर्तन संसार का नियम है, नववर्ष खुशियों का संसार समेटे आ जाता है. यही अहसास होता है बीते वर्ष के अन्तिम दिनों में कि आने वाला साल जिन्दगी को नया तोहपफा देकर जाने वाला है. नये वर्ष का स्वागत एक नयी सोच व एक मधुर मुस्कान के साथ किया जाता है.
Dec 31,2017, 15:15 PM IST
Nirbhaya
'16 दिसंबर की वह कभी न भूलने वाली रात, निर्भया की आहों भरी रात'
भययुक्त समाज जो सदैव नारी जीवन का मूल्यांकन ही करते रहता है. क्या वह नारी को निर्भय होने का अधिकार दे सकता है? जघन्य अपराधों की श्रृंखला से जुड़ा समाज नारी को निर्भया नहीं बना सकता. कातिलाना वहशियत की त्रासदी झेलती नारी क्या सचमुच निर्भया है?
Dec 16,2017, 7:32 AM IST
Karva Chauth
करवा चौथ: कल, आज और कल
प्राचीन समय में विवाह के बाद महिला का अस्तित्व पति तक ही सीमित हो जाता था. परिवार के सदस्यों से भी उसे तभी स्नेह मिलता था जब उसका पति उसका सम्मान करे.
Oct 8,2017, 12:49 PM IST
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