इतने कर्मठ व्यक्ति को भी लोगों की कितनी बातें सुनने को मिली. इतिहास के पन्नो को जब कभी पढ़ते हैं तो पाते हैं कि जब- जब भी किसी राजा ने देशहित में कुछ करना चाहा है तो उसके अपने ही लोग शत्रु पक्ष से मिल गये. पढ़कर मन खराब हो जाता है कैसे लोग अपनो में ही बुराई ढूंढ लेते हैं.
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चुनाव के नतीजे सामने आये तो दिल बाग-बाग हो गया. हर तरफ कमल खिल गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था का इतना सैलाब उमड़ेगा इसकी आशा तो थी पर अंदाजा नहीं था. मन के किसी कोने में एक भय भी था. एक व्यक्ति को सत्ता से हटाने के लिए सारे एकजुट हो गये पर भारतीयों के जुनून, उनकी लगन, उनके जोश, उनकी देश के प्रति निष्ठा और सुदृढ़ भक्तिभाव के आगे कोई भी रुकावट नहीं आ पायी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बहुमत के आंकड़े को पार कर गयी.
आकाश के बादलों ने भी अपनी प्रसन्नता जाहिर की, वर्षा की बूंदें भी धरती को भिगोने आ गयीं कुछ तो बात है जो हस्ती मिटती नहीं हमारी. मोदी सिर्फ एक नाम ही नहीं, एक व्यक्तित्व ही नहीं एक आशा की किरण हैं, गरीबों की उम्मीद हैं, बेसहारों का सहारा हैं, युवा पीढ़ी का जोश हैं, देशवासियों के हर प्रश्न का हल हैं, हर जरूरत की चाबी हैं. उनका देश के प्रति अटूट अनुराग, उनकी जीवन शैली, उनकी जागरुकता, उनकी कभी ना थकने वाली कार्य प्रणाली के आगे कुछ भी कहने को शेष नहीं रह जाता है.
कहते हैं जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब कोई महामानव अवतार लेता है. आज भी समाज का ढांचा बहुत विकृत हो चुका है तुच्छ मानसिकता से वातावरण घृणित हो रहा है. आज कदम-कदम पर जयचन्द दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी का आगमन आशा की किरण के समान हुआ. दीपक की लौ के समान अन्धेरे में दिशा ज्ञान देती उनकी बातें, उनके कार्य, देश और देशवासियों के प्रति उनका अनुराग किसी से अछूता नहीं है.
क्या शख्सियत हैं? ऐसी हस्ती, ऐसा व्यक्तित्व आसानी से प्रकाश में नहीं आता और यदि आ जाये तो उसे सहेजकर रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, ऐसा असाधारण मानव जो हमारी सोचों से भी परे है जो हमारे बीच आकर सिर्फ देशसेवा और देशवासियों के लिए ही कुछ करने की भावना रखता है उसे शिरोधार्य रखना चाहिये. जब भी किसी ने कुछ करना चाहा है तब-तब उसे आक्षेपों का सामना करना पड़ा है मोदी जी भी इसी के पर्याय हैं.
इतने कर्मठ व्यक्ति को भी लोगों की कितनी बातें सुनने को मिली. इतिहास के पन्नो को जब कभी पढ़ते हैं तो पाते हैं कि जब- जब भी किसी राजा ने देशहित में कुछ करना चाहा है तो उसके अपने ही लोग शत्रु पक्ष से मिल गये. पढ़कर मन खराब हो जाता है कैसे लोग अपनो में ही बुराई ढूंढ लेते हैं. आज वर्तमान इस बात का साक्षी है. राजनीति में मोदी जी ने बहुत कटुता को झेला है, हर विपक्षी ने उन्हें उखाड़ना चाहा है किन्तु देश के कर्मठ बुद्धिजीवियों ने उन्हें पहचान लिया उनमें अपना भविष्य देखा और अपना देश उन्हें सौंप दिया. जो देश को खोखला करने की सोच रहे थे, जो देश के सम्मान से खेल रहे थे वे किसी पायदान पर टिक ही नहीं सके और मायूसियों का शिकार हो गये एक असाधारण व्यक्तित्व ने कितनी ही हस्तियों को बौना कर दिया.
गर्व से मस्तक ऊंचा हो जाता है जब मोदी जी की विचारधारा से मन रूबरू होता है. अपनी जेबों को भरने वाले, अपने परिवार में खुशियां लाने वालों ने क्या कभी देखा है कि मोदी जी स्वार्थ के वशीभूत होकर देश चला रहे हैं क्या वो किसी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं क्या अपनी पीढ़ियों के लिये सहेजकर रख रहे हैं. आरोपियों को मंथन करना चाहिये अपनी हार का. ऐसा क्या किया जो कुछ भी हाथ नहीं लगा.
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आज स्वार्थ पर परमार्थ की विजय हुई है. देश का बच्चा- बच्चा जानता है कि देश पर उन्होंने अपनी नींदे कुर्बान की हैं, लगातार काम ही उनकी नियति रही है. क्या रातों को सोना उन्हें अच्छा नहीं लगता? क्या आराम उन्हें नहीं भाता? पर इन सब को परे रख वो देश के ही बारे में सोचते रहे. कहते हैं जैसे बीज बोते हैं वैसा ही फल मिलता है. वही हुआ आज देश का वीर पुत्र आखिर विजयी हो ही गया, जिसके व्यक्तित्व की गहराई में इतना त्याग, इतने बलिदान की भावना दिखाई देती हो, उसकी अच्छाइयों को स्वार्थ का चश्मा पहने लोग देख ही नहीं सकते.
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सच्चाई कभी खामोश रह ही नहीं सकती और बुराई का अंत एक दिन हो ही जाता है. आज कलियुग में भी एक महामानव ने पूरा देश अपने पीछे कर लिया. लोग उनके अनुयायी हो गये. आज भी कुछ ये सोचते हैं कि जीत में गड़बड़ी हुई है. गड़बड़ी उनके दिमाग में है, उनकी तुच्छ विचारधारा में है, उनके घटिया शब्दों में है, उन्हे आज हर वर्ग के लोगों ने नकार दिया है, जो देश के शीर्ष पद पर बैठे प्रधानमंत्री को गाली देते हो. अभद्र भाषा का प्रयोग करते हो, जो देश की चर्चा भी नहीं करते वे देशवासियों का सम्मान क्या खाक करेंगे. भारतवासी भले ही गरीब हैं पर वे स्वाभिमानी हैं, खोखले वादों को वो भी समझते हैं, उन्हें अपने खातों में पैसे नहीं चाहिये उन्हें काम चाहिये, उन्हें घर चाहिये, उन्हें रोजगार चाहिये और एक ईमानदार नेता चाहिये उन्हें वो मजबूत हाथ चाहिये, जिनमें देश सुरक्षित रह सके और इसीलिए आज हर वर्ग ने बुद्धिमता का परिचय देते हुए देश को सर्वोपरि मानते हुए मोदी जी का चयन किया है.
हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी चयन करने से पहले सौ बार सोचता है फिर यहां तो प्रश्न देश के विकास का है फिर कैसे अनाड़ियों को सत्ता सौंप देते. मोदी जी में वो सद्गुण हैं जो एक कुशल प्रशासक, परिवार के मुखिया, एक पिता, कुशल व्यवसायी और देश के जागरूक प्राणी में होने चाहिये. उनमें सभी के हृदय को छू सकने की क्षमता हैं. निम्न वर्ग के प्रति सहानुभूति है कि वे गरीबी से बाहर आये तो मध्यम वर्ग के कार्यों की सराहना करने से भी नहीं चूकते. उच्च वर्ग को भी अपनी भावभरी वाणी से सभी का साथ देने का आग्रह इस अंदाज में करतें हैं कि सभी कृतकृत्य हो जाते हैं.
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घर में भी जब काम करते हैं तो बड़ों के द्वारा प्रशंसा करने से उत्साह दोगुना हो जाता है. डांट भी पड़ती रहे प्यार भी मिलता रहे तो काम की बोझिलता खत्म हो जाती है. मोदी जी ने भी समय पर देशहित मे कुछ कड़े फैसले लिये, कुछ समय के लिये लोग असहज जरूर हुए पर धीरे-धीरे सामान्य हो गये वो समझ गये ये सब गलत नहीं है. इसमे कोई स्वार्थ की भावना नहीं है.
मोदी जी की कर्मठता से प्रेरित होकर आज सभी कार्य करने के प्रति जोश का भाव रखते हैं, चाहे वे स्कूल हो ऑफिस हो या अन्य कोई संस्थान सभी में एक भाव है कि जब हमारे नेता काम के प्रति इतने समर्पित हैं. सचेत हैं तो हमें भी जागरूक होना चाहिये. सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश आज से सही अर्थों में पुनः उन्ही बुलन्दियों को छू सकता है. यदि हम मोदी जी की योजनाओं, बदलावों को दिल से स्वीकार करें और अपने जागरूक नेता के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कदम से कदम मिलाकर चलें.
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छोटा बच्चा बेफिक्र हो जाता है जब माता-पिता की गोदी में होता है उसे पता होता है उसके साथ कुछ गलत नहीं होगा मां-बाप सब संभाल लेंगें. देशवासियों को भी अब निचिंत हो जाना चाहिए अब देश का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. देश सुरक्षित हाथों में पहुंच गया है. हमारी दिल से यही कामना है कि भारत माता का ये लाल हमेशा मां की सेवा का भाव रखते हुए देश को दुनिया की बुलन्दियों पर ले जाये. ऐसे उच्च कोटि के महामानव को मेरा शत-शत नमन.
देश के इस वीर के साथ पूरा संसार खड़ा है. भारत विश्व गुरु के पद पर पहुंचने वाला है. आइए हम सब देश हित के बारे में ही चिन्तन करें. आलस्य और तुच्छ मानसिकता को त्याग कर देश हित में होने वाले कड़े फैसलों को दिल से स्वीकार करें. सभी समस्याओं को जड़ से उखाड़ फेकें. देश भ्रष्टाचार मुक्त हो, देश में हर दिन हर घर में इस छोर से उस छोर तक प्रातःकालिन सौन्दर्य से लेकर सूर्यास्त तक खुशहाली ही खुशहाली हो, रात्रि अन्धकार पूर्ण होकर भी सुखद हो, हर प्राणी पेट भरकर सोये, हर घर में उजाला हो, धरती पर फिर से स्वर्ग लौटकर आ जाये. ऐसे सुखद भविष्य की कल्पना हम मोदी राज में तो कर ही सकते हैं. जय हिन्द जय भारत.
(रेखा गर्ग सामाजिक विषयों पर टिप्पणीकार हैं)
(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)