जयपुर: 24 से शुरू होगा 'धरती का सबसे बड़ा साहित्यिक शो', सिक्का जमाने पहुंचेंगी मशहूर हस्तियां
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जयपुर: 24 से शुरू होगा 'धरती का सबसे बड़ा साहित्यिक शो', सिक्का जमाने पहुंचेंगी मशहूर हस्तियां

पांच दिवसीय फेस्टिवल एक दशक से ज्यादा समय से तकरीबन 2000 वक्ताओं की मेजबानी और देश और दुनियाभर के लाखों पुस्तक-प्रेमियों का स्वागत कर चुका है.

.(फाइल फोटो)

जयपुर: राजस्थान के गुलाबी शहर में 'धरती का सबसे बड़ा साहित्यिक शो' कहा जाने वाला लिटरेचर फेस्टिवल इस बार 24 से 28 जनवरी तक चलेगा, जिसमें दुनियाभर के बड़े लेखक, चिंतक, मानवतावादी, राजनेता, व्यवसाय जगत, खेल और मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियां विभिन्न विषयों पर अपनी बेबाक राय देने के लिए जुटेंगी.  इस फेस्टिवल में हमेशा की तरह खूबसूरत विचारों का संयोजन दिखेगा.  प्रमुख वक्ता अभिव्यक्ति की आजादी के साथ विविध विषयों पर तर्कपूर्ण संवाद करेंगे.  प्राचीन सभ्यता से लेकर उस युद्ध तक पर चर्चा होगी, जिसने इतिहास के प्रवाह को बदल, रहस्य और मिथक को नया आयाम दिया. विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय लेखिका इरा मुकौटी पौराणिक आख्यानों के प्रतिष्ठित ज्ञाता और कहानीकार देवदत्त पटनायक का 'श्याम : रिटेलिंग द भागवत' सत्र में परिचय करवाएंगी. 

महाभारत और रामायण के बाद भागवत उनका तीसरा महाआख्यान है. जाने-माने भारतीय-अमेरिकी पुराण विशेषज्ञ, लेखक और न्यूक्लियर रेडियोलोजिस्ट अमित मजूमदार की पुस्तक 'गॉडसॉन्ग' भगवद् गीता का छंद प्रति छंद अनुवाद है.  इसमें बहुत सी बारीकियों को लयबद्ध रूप में दर्ज किया गया है.

'द पुराण' नामक सत्र में अर्थशास्त्री और लेखक विवेक देवरॉय भागवत पुराण के अपने अनुवाद पर इतिहासकार पुष्पेश पंत से चर्चा करेंगे. पुराणों के कुछ छोटे और बड़े रूप पाए जाते हैं, बड़े रूपों को महापुराण कहा जाता है.  इस प्राचीन पाठ की गणना विश्वकोश में की जाती है, जिसके रचयिता कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना गया है.

इसी तरह फाइंडिंग राधा, ग्वालिन राधा पर एक दिलचस्प सत्र होगा.  प्रसिद्ध लेखक, विद्वान और पुराणविद्- अलका पांडे, बुलबुल शर्मा, पवन के. वर्मा, देवदत्त पटनायक और यूडिट कोर्नबर्ग ग्रीनबर्ग के साथ नमिता गोखले और मालाश्री लाल सत्र में राधा की धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों में व्याख्या करेंगे. 

नमिता गोखले और मालाश्री लाल ने संग्रह 'फाइंडिंग राधा : द क्वेस्ट फॉर लव' का सह-संपादन भी किया है. इसके अलवा हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक नरेंद्र कोहली का यतींद्र मिश्र के संग संवाद का सत्र होगा.  कोहली 'महासमर : राइटिंग द एपिक' में बताएंगे कि उन्हें भारतीय आख्यान, मान्यताओं और प्रचलित कथाओं के पुनर्लेखन की प्रेरणा कहां से मिली. 

वह अपनी महासमर श्रृंखला के नौ खंडों के बारे में और रामायण, महाभारत व पुराण की समकालीन समझ के बारे में बात करेंगे.  फेस्टिवल के एक दिलचस्प सत्र में कामयाब लेखक और सॉफ्टवेयर डेवलपर विक्रम चंद्रा संस्कृत भाषा के प्रति अपने जुनून पर बात करेंगे.  सत्र परिचय संस्कृत भाषा के विद्वान जेम्स मेलिंसन देंगे.

जलियांवाला बाग सत्र 13 अप्रैल, 1919 के उस बदकिस्मत दिन की घटना पर आधारित होगा, जब जनरल डायेर ने अमृतसर के पार्क में आयोजित एक शांतिपूर्ण सम्मलेन पर गोली-बारी के आदेश दे दिए थे.  लंदन यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर किम ए. वेगनर और प्रतिष्ठित राजनयिक और नामी लेखक नवतेज सरना 'जलियांवाला बाग, 1919, द रियल स्टोरी' की लेखिका किश्वर देसाई से इस पर चर्चा करेंगे.

यह पांच दिवसीय फेस्टिवल एक दशक से ज्यादा समय से तकरीबन 2000 वक्ताओं की मेजबानी और देश और दुनियाभर के लाखों पुस्तक-प्रेमियों का स्वागत कर चुका है.  एक बार फिर से साहित्य का यह मजमा, राजस्थान की पृष्ठभूमि में, सांस्कृतिक विरासत को सहेजे, डिग्गी पैलेस में सजने को तैयार है.  

इनपुट आईएएनएस से भी 

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