EPF Benefits: जैसे ही किसी कर्मचारी का भविष्य निधि यानी पीएफ (PF) का खाता खुलता है, तब वह अपने आप बाई डिफॉल्ट इंश्योर्ड भी हो जाता है. एम्प्लॉई डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) के तहत उस कर्मचारी का 7 लाख रुपये तक का बीमा होता है. वहीं अन्य उसे कुछ और बड़े फायदे भी मिलते हैं.
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नई दिल्ली: भारत की सरकार सन 1952 से देश के सभी (सरकारी और प्राइवेट) कर्मचारी वर्ग का भविष्य सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रोविडेंट फंड की सुविधा मुहैया करा रही है. गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) देश में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को पीएफ (PF) की सुविधा देता है. इसके लिए, कर्मचारी की सैलरी में से एक छोटा सा हिस्सा PF खाता में जमा करने के लिए काटा जाता है. जिसे उसका भविष्य निधि अंशदान कहा जाता है.
गौरतलब है कि बूंद बूंद से भरता सागर की तर्ज पर किसी कर्मचारी का युवावस्था से लेकर उसके रिटायरमेंट तक का यहीं छोटा-छोटा अंशदान सरकारी सहयोग से बहुत बड़ी धनराशि बन जाती है. जो रिटायरमेंट के बाद एक जमा पूंजी के रूप में उसके काम आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएफ के खाताधारकों को इस अकाउंट से और भी कई फायदे मिलते हैं. तो आइए जानते हैं वो तथ्य जिनके बारे में लोग कम जानते हैं.
जैसे ही किसी कर्मचारी का भविष्य निधि यानी पीएफ का खाता खुलता है, तब वह अपने आप बाई डिफॉल्ट इंश्योर्ड भी हो जाता है. एम्प्लॉई डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) के तहत उस कर्मचारी का 7 लाख रुपये तक का बीमा होता है. ईपीएफओ के सक्रिय सदस्य की सर्विस अविध के दौरान मृत्यु होने पर उसके नामित या कानूनी वारिस को 7 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है.
PF अकाउंट में जमा कंट्रीब्यूशन में से 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम में चला जाता है. जो रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलता है. पेंशन किसी भी महिला या पुरुष कर्मचारी के बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा होता है. जिसके लिए सरकार भी कई स्कीम चलाती है.
वहीं अगर आपको टैक्स में छूट चाहिए तो भी पीएफ सबसे बेहतर विकल्प है. हालांकि आपको ये भी जान लेना चाहिए कि नए टैक्स सिस्टम में ऐसी सुविधा नहीं है जबकि पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्स पर छूट मिलती है. ईपीएफ खाताधारक इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अपनी सैलरी पर बनने वाले टैक्स में 12 प्रतिशत तक की बचत कर सकते हैं.
पीएफ फंड की एक बेहतरीन सुविधा ये भी है कि ज़ररुत के समय इसमें से कुछ पैसे निकाले भी जा सकते हैं. इससे आप लोन की संभावनाओं से बच पाएंगे. कोरोना महामारी के दौरान देश के लाखों लोगों ने इस सुविधा के तहत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने पीएफ में जमा रकम को निकाला था.
कर्मचारियों के निष्क्रिय पीएफ खाते पर भी ब्याज का भुगतान किया जाता है. 2016 में कानून में किए गए बदलाव के मुताबिक, अब पीएफ खाताधारकों को उनके तीन साल से अधिक समय से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते में जमा राशि पर भी ब्याज का भुगतान किया जाता है. इससे पहले, तीन साल से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते पर ब्याज देने का प्रावधान नहीं था.
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