बजट से पहले आज हलवा सेरेमनी आयोजित किया गया. इसका मतलब आज से दस्तावेजों की छपाई शुरू हो गई.
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नई दिल्ली: मोदी सरकार का अंतरिम बजट खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, अपने मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गए वित्त मंत्री एक फरवरी को बजट पेश करने से पहले शुक्रवार को घर वापस आ जाएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वित्त मंत्री 25 जनवरी की शाम को वापस लौटने वाले हैं. अंतरिम बजट निश्चित तौर पर वही पेश करेंगे." उन्होंने कहा कि बजट दस्तावेजों की छपाई प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो चुकी है.
जेटली (66)13 जनवरी को इलाज के सिलसिले में अमेरिका गए थे. ऐसा माना जा रहा है कि वह किडनी से जुड़ी बीमारी के चेक-अप के लिए अमेरिका गए थे. उनकी मई 2018 में गुर्दा प्रत्यारोपण संबंधी सर्जरी हुई थी. हालांकि इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि वह अंतरिम बजट पेश करने के लिए वापस नहीं लौट पाएंगे, जोकि इस वर्ष होने वाले आम चुनाव से पहले उनका अंतिम बजट होगा.
'हलवा सेरेमनी' के साथ बजट की तैयारी शुरू, वित्त राज्यमंत्री ने कर्मचारियों का मुंह मीठा कराया
हर साल की तरह बजट से पहले आज 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मतलब होता है कि बजट के लिए जो मसौदा तैयार किया गया है उसकी प्रिंटिंग अब शुरू हो गई है. इस कार्यक्रम में वित्तमंत्री अरुण जेटली नहीं दिखे. उनकी गैर मौजूदगी में वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला, वित्तीय मामलों के आर्थिक सचिव सुभाष गर्ग और सड़क परिवहन राज्यमंत्री राधाकृष्ण हलवा खाते दिखे.
Budget 2019: मिडिल क्लास को मिल सकता है बड़ा तोहफा, टैक्स छूट की सीमा होगी 5 लाख!
इस कार्यक्रम के बाद बजट (Budget 2019) से संबंधित जितने भी अधिकारी और मंत्री हैं वे वित्त मंत्रालय के ऑफिस में बंद हो जाते हैं. बजट पेश होने तक किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है. यहां तक कि वे अपने घरवालों से भी संपर्क नहीं कर सकते हैं. इसके तहत नॉर्थ ब्लॉक में बने प्रिंटिंग प्रेस में अगले कुछ दिनों तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी रहते हैं. इनमें से कोई भी फोन पर भी बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं कर सकता है. केवल एक लैंडलाइन लगी होती है जिसपर इनकमिंग कॉल की सुविधा होती है.
उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली मध्य वर्ग को राहत देते हुए आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर सकते हैं. यानी मौजूदा टैक्स सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़कर 5 लाख रुपए किया जा सकता है. इतना ही नहीं मेडिकल और कन्वेएंस को भी फिर से लागू किया जा सकता है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक एक विकल्प ये भी है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये का सालाना से बढ़ाकर कुछ और कर दिया जाए.
(इनपुट-आईएएनएस)