Trending Photos
लंदन: दुनिया भर के बच्चों में Kinder joy के प्रोडक्ट बहुत लोकप्रिय हैं. इन उत्पादों को बनाने वाली कंपनी Ferrero ने अपने एक प्रोडक्ट को स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित न पाए जाने पर बाजार से वापस लेने का निर्णय लिया है.
दरअसल UK की खाद्य सुरक्षा एजेंसी FSA ने उपभोक्ताओं को किंडर ब्रांड के कुछ उत्पादों का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी है. FSA ने किंडर के खाद्य उत्पादों और साल्मोनेला संक्रमण फैलने के बीच संबध होने की आशंका जताई है.
हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर में कंपनी ने बताया, 'कुछ देशों में साल्मोनेला के संक्रमण के मामलों के Kinder Surprise के साथ किसी भी तरह के संभावित संबध पर चिंताए जताई जा रही हैं. इन मामलों में फेरेरो स्थानीय खाद्य अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है. हालांकि बाजार में जारी किए गए हमारे किंडर उत्पादों में से किसी ने भी साल्मोनेला के लिए पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं पाई गई है. फेरेरो इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है क्योंकि उपभोक्ताओं के स्वास्थय हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.'
कंपनी ने आगे कहा कि 'फेरेरो इंडिया ये भी स्पष्ट करता है कि बेल्जियम में बने किंडर सरप्राइज (Kinder Surprise) को स्वैच्छिक रूप से वापस लेने के लिए भारत का नाम शामिल नहीं है. फेरेरो इंडिया, बारामती (पुणे) में अपने संयंत्र में किंडर जॉय (Kinder Joy) का निर्माण करती है. इसे स्थानीय लागू नियमों का अनुपालन करके बनाया जाता है जहां से इसे पूरे देश में बेचा जाता है.
कंपनी ने बताया, 'वापस लिए जा रहे प्रोडक्ट Kinder Surprise और Kinder Joy में अंतर है. Kinder Joy के दो भाग होते हैं जिसमें मिल्की और कोको स्प्रेड के साथ 2 कोटेड वेफर बिस्किट होते हैं. इसमें एक खिलौना भी शामिल है. चॉकलेट और खिलौने को एक सुरक्षात्मक परत द्वारा अलग रखा जाता है. वहीं, Kinder Surprise में मिल्की व्हाइट लाइनिंग के साथ फाइन मिल्क चॉकलेट का शेल होता है. इसमें साथ भी एक खिलौना होता है. कंपनी खाद्य सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेती है.'
UK की खाद्य सुरक्षा एजेंसी FSA ने उपभोक्ताओं को Kinder Surprise प्रोडक्ट के कुछ खास बैच का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी है. FSA ने किंडर के खाद्य उत्पादों और साल्मोनेला संक्रमण फैलने के बीच संबध होने की आशंका जताई है. प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी Ferrero ने अपने एक प्रोडक्ट को स्वास्थय के लिए सुरक्षित न पाए जाने पर बाजार से वापिस हटाने का निर्णय लिया था.
डाक्टर डॉ. अशोक झिंगन ने बताया कि साल्मोनेला संक्रमण कच्चा मांस, बिना पाश्चुराईज किए गए दूध, अंडा, बीफ या उससे बनी चीजों से फैलता है. इसके अलावा साल्मोनेला से दूषित पानी या भोजन लेने पर भी इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं.
छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्याक्तियों के लिए ये बैक्टीरिया ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इसका संक्रमण आमतौर पर 4 से 7 दिन तक रहता है. लक्षणों की बात करें तो इसमें व्यक्ति को पेट में दर्द, मितली, उल्टी, दस्त, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मल में खून आना शामिल हैं.
LIVE TV