EXCLUSIVE: BSNL और MTNL का होगा कायाकल्प, ये हैं मोदी सरकार के 4 शानदार प्लान
सरकार BSNL को प्राइवेट कंपनी के टक्कर में खड़ा कर सकती है, क्योंकि इस साल 5G लॉन्च करने की तैयारी शुरू हो चुकी है.
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नई दिल्ली: एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, BSNL और MTNL के पुनर्गठन के लिए 4 जुलाई को सचिवों की हाई लेवल बैठक होगी. इस बैठक में BSNL और MTNL के रिवाइवल प्लान पर चर्चा होगी. इस हाई लेवल बैठक में मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि कर्ज को कम करने के लिए BSNL और MTNL की उन संपत्तियों को बेच दिया जाएगा, जिनका इस्तेमाल ठीक से नहीं हो रहा है. इसके अलावा लैंड मोनेटाइजेशन (जमीन को किराये पर देकर) के जरिए फंड जुटाया जा सकता है. दोनों कंपनियों को मर्ज करने पर भी विचार किया जा सकता है. वर्तमान में BSNL और MTNL दो अलग-अलग कंपनियां हैं. इसके अलावा दोनों कंपनियों में कर्मचारियों की बहुत बड़ी संख्या है. खबर ये भी है कि जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों को कम करने के लिए सीनियर अधिकारियों को VRS (Voluntary Retirement Scheme) दे दी जाए.
खबर ये भी है कि सरकार BSNL को प्राइवेट कंपनी के टक्कर में खड़ा करेगी, क्योंकि इस साल 5G लॉन्च करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले दिनों कहा था कि इस साल के अंत तक 5G का ट्रायल किया जाएगा, जिसके बाद स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी. 5G स्पेक्ट्रम की बोली प्रक्रिया महंगी होगी, जिसकी वजह से कई कंपनियों इसमें भाग नहीं ले पाएंगी. ऐसे में यह भी संभव है कि BSNL अकेले इस रेस में होगी.
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BSNL और MTNL की आर्थिक हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों BSNL ने साफ-साफ कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह जून महीने में अपने कर्मचारियों की सैलरी दे. वर्तमान सरकार के सामने BSNL और MTNL का पुनरुद्धार बड़ी चुनौती है. हालांकि, केंद्र सरकार भी इस मामले को जल्द से जल्द निपटाना चाहती है.
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