अंतरिम बजट 2019 में घर खरीदारों से लेकर रियल एस्टेट कंपनियों तक को मिली ये छूट
Advertisement
trendingNow1495035

अंतरिम बजट 2019 में घर खरीदारों से लेकर रियल एस्टेट कंपनियों तक को मिली ये छूट

31 मार्च 2020 तक सस्ते घरों के जो हाउसिंग प्रोजेक्ट मंजूर होंगे उनसे होने वाले मुनाफे पर बिल्डर को टैक्स नहीं देना होगा. 

फाइल फोटो

ब्रजेश कुमार/नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया. यह केंद्रीय बजट भले ही अंतरिम बजट समझा जा रहा है लेकिन, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ये फुल बजट से कम नहीं है. इस बजट में घर खरीदारों से लेकर रियल एस्टेट कंपनियों के लिए रियायतों की लंबी फेहरिस्त का ऐलान किया गया है. सरकार की कोशिश है कि रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी लाकर इकोनॉमी बढ़ाई जाए. बीमार चल रहे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अंतरिम बजट में भरपूर टॉनिक दिया गया है.

बिल्डरों से लेकर घर खरीदारों और मकान मालिकों के लिए रियायतों का ऐलान हुआ है. अगर किसी के पास 2 घर हैं और दोनो घरों का इस्तेमाल खुद के लिए हो रहा है तो, नोशनल रेंट यानि काल्पनिक कमाई मानकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब टैक्स नहीं मांगेगा. कई बार बड़ा परिवार होने या कारोबार और नौकरी की ज़रूरत से दो-दो घरों की जरूरत होती है. सेक्शन 54 के तहत एक और भी रियायत दी गई है. अगर कोई एक घर बेचकर उसके बदले दो घर खरीदता है तो, उसे भी टैक्स में राहत मिलेगी. 

अब तक एक घर बेचकर एक ही घर खरीदने पर कैपिटल गेन्स में छूट मिलती थी. हालांकि, इसके लिए कैपिटल गेन की अधिकतम सीमा 2 करोड़ रुपए होगी. साथ ही इस छूट का लाभ जीवन में केवल एक बार ही लिया जा सकेगा. मकान मालिकों के लिए अच्छी खबर ये है कि अगर कोई किराये पर मकान चढ़ाता है तो, अब 1.80 लाख रुपए के बदले 2.40 लाख रुपए आमदनी होने पर ही टीडीएस कटेगा. बिल्डरों के लिए भी कई रियायतों का एलान बजट में किया गया है. बड़े फायदों की बात करें तो, अफोर्डेबल यानि सस्ते घर बनाने पर उससे होने वाले मुनाफे पर 100 फीसदी टैक्स छूट को एक साल तक और बढ़ाया गया है.

अब 31 मार्च 2020 तक सस्ते घरों के जो हाउसिंग प्रोजेक्ट मंजूर होंगे उनसे होने वाले मुनाफे पर बिल्डर को टैक्स नहीं देना होगा. बिल्डर कई बार प्रोजेक्ट बनाते हैं पर पूरा प्रोजेक्ट बिकने में बरसों लग जाते हैं. प्रोजेक्ट पूरा होने के एक साल बाद बिना बिका फ्लैट खाली भी पड़ा रहे तो भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस पर किराये से आमदनी मानकर बिल्डर्स से टैक्स डिमांड करता है. सरकार ने बजट में ये तय किया है कि अब बिल्डर्स को 2 साल तक बिना बिका फ्लैट खाली भी पड़ा रहे तो, भी टैक्स नहीं भरना होगा.

बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को रियायतों के पीछे कई वजह है. पहला ये कि सरकार सबके लिए घर की योजना को बढ़ावा देना चाहती है. दूसरी वजह मंदी झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देकर सरकार इकोनॉमी की रफ्तार तेज करना चाहती है. ताकि चौतरफा मांग पैदा हो और रोजगार के मौके भी बढ़ें.

Trending news