ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन पर लगाम लगाएगी टेक महिंद्रा, 2030 तक 22 फीसदी कमी का लक्ष्य
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ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन पर लगाम लगाएगी टेक महिंद्रा, 2030 तक 22 फीसदी कमी का लक्ष्य

कंपनी का लक्ष्य 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी लाने का है.

ग्रीनहाउस गैस जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे बड़ा कारक है. (फाइल)

नई दिल्ली: आईटी क्षेत्र की कंपनी टेक महिंद्रा ने कहा है कि वह 2016 को आधार वर्ष मानते हुए 2030 तक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन अपने यहां 22 प्रतिशत तक कम करने को प्रतिबद्ध है. इसके अलावा कंपनी का लक्ष्य 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी लाने का है. टेक महिंद्रा ने सोमवार को बयान में कहा कि विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) ने इसे मंजूरी दे दी है. 

कंपनी ने कहा कि एसबीआईआई की मंजूरी से स्पष्ट है कि टेक महिंद्रा का दीर्घावधि का लक्ष्य कॉर्बन में कमी लाकर वैश्विक तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियम से नीचे रखने की योजना के अनुरूप है. टेक महिंद्रा के मुख्य स्थिरता अधिकारी (सीएसओ) संदीप चांदना ने कहा कि कंपनी सोचसमझकर ऐसी रणनीति अपना रही है जिससे वह वातावरण को प्रभावित किए बिना नवोन्मेषी समाधान की पेशकश कर सके. 

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उन्होंने कहा कि एसबीटीआई ने हम अपनी कॉर्बन पहुंच को महत्तम करने के लिए स्पष्ट रूपरेखा दी है, जिससे हम कम कॉर्बन उत्सर्जन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सकें और जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को और कम कर सकें. 

जलवायु परिवर्तन को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाली ग्रीनहाउस गैस, साधारण प्लास्टिक के खराब होने से भी बनती हैं. एक नए अध्ययन में ऐसा दावा किया गया है. मनोआ की यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ये गैस समुद्रतल, वैश्विक तापमान, धरती एवं महासागर में पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत को प्रभावित करने के साथ ही आंधी-तूफान के लिए भी जिम्मेदार होती हैं जिससे बाढ़ और सूखे की आशंका बढ़ जाती है.

(इनपुट-भाषा)

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