Tihar Jail: शहाबुद्दीन से छोटा राजन तक, कहानी उस जेल नंबर 2 की; जहां पहुंचे अरविंद केजरीवाल
Advertisement
trendingNow12184629

Tihar Jail: शहाबुद्दीन से छोटा राजन तक, कहानी उस जेल नंबर 2 की; जहां पहुंचे अरविंद केजरीवाल

Arvind Kejriwal Tihar Jail: दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी रिमांड खत्म होने के बाद अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए कोर्ट ने 15 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में भेज दिया. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चर्चित जेल नंबर 2 में रखा गया है.

Tihar Jail: शहाबुद्दीन से छोटा राजन तक, कहानी उस जेल नंबर 2 की; जहां पहुंचे अरविंद केजरीवाल

Tihar Jail Number 2 Story: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मुश्किलें थमती नहीं दिख रही है. दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी (ED) की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. क्योंकि ईडी ने कोर्ट से रिमांड आगे बढ़ाने की मांग नहीं की. 

तिहाड़ जेल नंबर 2 में केजरीवाल से पहले रहे चुके हैं संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल नंबर 2 (Tihar Jail Number 2) में रखा गया है. देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में जेल 2 नंबर को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. जेल के सबसे बड़े अफसर खुद यहां सख्त नजर रखते हैं. इसलिए हाई प्रोफाइल लोगों को इसी जेल में रखा जाता है. इसी जेल में पहले आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी रखा गया था. हालांकि, केजरीवाल के आने से पहले उन्हें दूसरी जगह जेल नंबर 5 में शिफ्ट कर दिया गया. 

दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार सभी आरोपी तिहाड़ में ही बंद

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी तिहाड़ जेल में ही बंद है. इनमें मनीष सिसोदिया जेल नंबर 1 और सत्येंद्र जैन जेल नंबर 7 में बंद है. तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता जेल नंबर 6 और आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर जेल नंबर 4 में बंद है. तिहाड़ के जेल नंबर 4 में श्रद्धा मर्डर केस का आरोपी आफताब पूनावाला भी कैद है.

तिहाड़ की जेल नंबर 2 में छोटा राजन और शहाबुद्दीन का भी रहा ठिकाना

जेल सूत्रों के मुताबिक, तिहाड़ की जेल नंबर 2 सजायाफ्ता कैदियों के लिए है. यहां सजा पाने के बाद ही कैदी को रखा जाता है. कुख्यात माफिया डॉन छोटा राजन और गैंगस्टर से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन को भी पहले तिहाड़ के जेल नंबर 2 में ही रखा जा चुका है. कोविड -19 महामारी के दौरान जेल में रहते हुए दोनों की मौत हो गई थी. 

रिपोर्ट के मुताबिक तिहाड़ जेल नंबर 2 का बैरक करीब 14 फुट लंबा और 8 फुट चौड़ा है. इसमें सीमेंट का एक चबूतरा बना है. कैदी को उस पर बिछाने के लिए चादर और ओढने के लिए कंबल दिया जाता है. बैरक में टीवी और टॉयलेट की भी सुविधा है. दो बाल्टियां भी दी जाती है. इसमें एक नहाने और दूसरी पानी रखने के लिए है.  

जेल नंबर 2 में 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में रहेंगे केजरीवाल

रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल को तिहाड़ जेल में रखे जाने से पहले वहां तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया था. केजरीवाल को किस बैरक में रखा जाएगा इस सवाल को लेकर तिहाड़ जेल में पिछले दो दिनों में कई बार हाई लेवल मीटिंग की गई. इसके बाद तय किया गया कि उन्हें जेल नंबर 2 में रखा जाएगा. इसके बैरक में केजरीवाल अकेले रहेंगे. तिहाड़ जेल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. जेल में 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी. इस बैरक के बाहर हर वक्त चार सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं. हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल को जेल भेजने को लेकर सियासत भी गर्म हो गई है.

ये भी पढ़ें - Lok Sabha Chunav: केजरीवाल का अग्निपथ तो अब शुरू हुआ है... मुंह बाए सामने खड़ी हैं ये मुश्किलें

तिहाड़ से सरकार चलाने के लिए बदलना होगा जेल मैनुअल

तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता ने केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने की बात से जुड़े सवाल पर मीडिया से कहा,  'यह बेहद चैलेंजिग होगा. जेल मैनुअल के तहत ऐसा करना मुमकिन नहीं हो सकेगा.' गुप्ता ने कहा कि सीएम के साथ एक निजी स्टाफ होना चाहिए. अब तक 16 जेलें हैं और उनमें से किसी में भी ऐसी कोई सुविधा नहीं है कि वहां से मुख्यमंत्री अपनी सरकार चला सके. ऐसा करने के लिए जेल के सारे नियम कानून बदलने या तोड़ने पड़ेंगे. कोई भी इसकी इजाजत नहीं दे सकता.

जेल में किसी कैदी को नहीं मिल सकती जनप्रतिनिधि जैसी सुविधा

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राज्य सरकार चलाने का मतलब सिर्फ कुछेक फाइलों पर साइन या नोटिंग करना ही नहीं होता है. इसके लिए कैबिनेट की मीटिंग होती हैं. मंत्रियों से सलाह मशविरा ली जाती है. बहुत सारा सपोर्टिंग स्टाफ होता है. उपराज्यपाल के साथ मीटिंग या टेलीफोन पर बातचीत होती है. इसके अलावा प्रदेश की आम जनता भी अपनी शिकायतों के साथ सीएम से मिलने आती है. 

दूसरी ओर, किसी भी जेल में टेलीफोन की सुविधा नहीं है. जेल में सीएम ऑफिस और सेक्रेटरिएट बनाना संभव नहीं है. जेल मैनुअल के मुताबिक, कोई कैदी हर दिन 5 मिनट के लिए अपने परिवार से बात कर सकते हैं. यह सब रिकॉर्ड भी किया जाता है. वहीं, मुलाकातियों के बीच शीशा भी लगा रहता है. दोनों को स्पीकर पर बात करना होता है.

ये भी पढ़ें - किस्सा कुर्सी का: तब पहली बार कैबिनेट मिनिस्टर बनी थीं सुषमा स्वराज, फिर किसने किया बर्खास्त?

Trending news