Uttarakhand Love Jihad News: उत्तराखंड में समुदाय विशेष के एक युवक ने किराये पर कमरा लेकर नाबालिग लड़की को प्रेम जाल में फंसाया. इसके बाद उसका रेप कर वीडियो बना लिया. इस घटना के बाद से देवभूमि के लोग बेहद गुस्से में हैं.
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Uttarakhand News in Hindi: देवभूमि उत्तराखंड में लव जिहाद को लेकर यहां के लोग बेहद गंभीर होते जा रहे हैं. लव जिहाद के खौफनाक खेल के खिलाफ यहां के लोगों ने आवाज़ बुलंद करना शुरु कर दिया है. हम बात कर रहे हैं हैं.. थराली की, जहां अब लोग किसी भी हाल में समुदाय विशेष को यहां से बाहर कर देना चाहते हैं. लेकिन ऐसा क्या हो गया है कि वहां के लोग इतना भड़क गए हैं. पढ़िए हमारी इस ग्राउंड जीरो रिपोर्ट में.
नाबालिग बेटी को प्रेम जाल में फंसाया
देवभूमि में भाईजान के खिलाफ नया आंदोलन छिड़ गया है. असल में चमोली जिले के थाना थराली क्षेत्र में 4 साल पहले शालिम ने मुकेश देवरानी से एक दुकान किराए पर ली. यहीं पर विशेष समुदाय के एक युवक ने आना-जाना शुरू किया और पहाड़ की एक नाबालिग बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया.
रेप करके बना ली घटना की वीडियो
रेप की वारदात को अंजाम देने के साथ घटना की वीडियो भी बना ली और ब्लैकमेल का खौफनाक खेल शुरू किया. आरोपी सोशल साइट के जरिए चैट करता था. विशेष समुदाय के युवक से परेशान नाबालिग ने परिजनों को जानकारी दी गई. अब आरोपी सलाखों के पीछे है. अब थराली व्यापार मंडल के अध्यक्ष संदीप रावत समेत तमाम व्यापारी चाहते हैं कि यहां जिन परिवारों के नाम रजिस्टर में नहीं है वो यहां से चले जाएं. साथ ही आरोपी भी दुकान खाली करे.
घटना के बाद लोग बेहद गुस्से में
ये लोग किसी भी तरह से ऐसे आरोपी को यहां फटकने भी नहीं देना चाहते. 16 गांव की ग्राम पंचायत संघर्ष समिति के अध्यक्ष चरण सिंह रावत भी इस घटना से बेहद गुस्से में हैं और आरोपी के खिलाफ फांसी की मांग कर रहे हैं. वहीं थराली के सामाजिक कार्यकर्ता हर्षपाल सिंह रावत का कहना है कि 15 से 20 साल पहले थराली में महज 10 से 15 विशेष समुदाय के परिवार रहते थे. आज उन परिवारों की
जबकि आज उनकी संख्या 60 से 70 हो चुकी है. जबकि तकरीबन 500 से 700 मतदाता बढ़ गए हैं. यानी पहाड़ में अचानक विशेष समुदाय के लोगों की तादाद बढ़ रही है.
समुदाय विशेष के खिलाफ कार्रवाई की मांग
स्थानीय दुकानदार भी मांग कर रहे हैं कि विशेष समुदाय के लोगों के जांच होनी चाहिए. स्थानीय लोग प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल उठा रहे हैं कि मामला 1 साल पुराना है मगर प्रशासन अगर सख्त कार्रवाई करता तो आरोपी को अब तक उसके गुनाहों की सजा मिल चुकी होती. इस तरह की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार के लिए चिंता की बात है.