स्टडी का दावा, वायु प्रदूषण से बच्चों में हो सकती है बेचैनी, अवसाद
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स्टडी का दावा, वायु प्रदूषण से बच्चों में हो सकती है बेचैनी, अवसाद

वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है.

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

वॉशिंगटन: एक अध्ययन में पाया गया है कि यातायात संबंधी वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों के दिमाग के रसायन में बदलाव हो सकता है जिससे चिंता और अवसाद जैसे मानसिक विकारों का खतरा बढ़ जाता है. वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है जो अस्थमा और सांस रोग के साथ ही दिल की बीमारियों से जुड़ी है और इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रदूषण की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है.

अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय और सिनसिनाटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने किशोरावस्था से पूर्व न्यूरोकेमेस्ट्री में बदलाव को देखते हुए परिवहन संबंधी वायु प्रदूषण (टीआरएपी) और बचपन की चिंता में सह-संबंध का अध्ययन किया.

सिनसिनाटी विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर कैली ब्रंस्ट ने कहा, “हालिया साक्ष्य ये संकेत देते हैं कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र विशेष रूप से वायु प्रदूषण की चपेट में आता है और चिंता तथा अवसाद जैसे मानसिक विकारों के पनपने में इसकी भूमिका का संकेत देता है.” यह अध्ययन जर्नल एनवॉयरमेंटल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है और ब्रंस्ट इसकी मुख्य लेखिका हैं. शोधकर्ताओं ने 12 वर्ष तक के 145 बच्चों पर यह अध्ययन किया.

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