Covid-19 का पता लगाने वाले Gargle Lavage Method की खोज पर उठा सवाल, एम्स RDA ने किया ये दावा
Advertisement
trendingNow1910584

Covid-19 का पता लगाने वाले Gargle Lavage Method की खोज पर उठा सवाल, एम्स RDA ने किया ये दावा

AIIMS RDA demand to Health Minister: डॉक्टरों के संगठन  ने स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को लिखे पत्र में अपने दावे की विस्तार से जानकारी दी है. RDA के मुताबिक उन्होंने साल भर पहले ही अपने शोध में इसका पता लगा लिया था लेकिन तब किसी ने उनके प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने दावा किया है कि कोरोना काल की दूसरी लहर में कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण का पता लगाने के लिए जिस गार्गल लवेज टेक्नीक को आईसीएमआर (ICMR) ने किसी और को क्रेडिट देते हुए अपनी मंजूरी दी है उसे साल भर पहले एम्स के युवा डॉक्टरों ने खोजा था.

  1. कोरोना को खोजने वाली तकनीकि पर उठा सवाल
  2. गार्गल लवेज मैथेड पर एम्स RDA का बड़ा दावा
  3. बीते साल किया था खुलासा तब हुई अनदेखी: RDA

डॉक्टरों के संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को लिखे पत्र में इसकी विस्तार से जानकारी दी है. RDA के मुताबिक उन्होंने साल भर पहले ही अपने शोध में इस तथ्य के बारे में पता लगा लिया था और इसे संबंधित संस्थाओं के पास मंजूरी दिलाने के लिए भेजा गया था.

संज्ञान नहीं लेने का आरोप

एम्स आरडीए ने ये दावा भी किया कि उस दौरान काफी कोशिशों के बावजूद उनके तत्कालीन प्रस्ताव की अनदेखी की गई. उनके द्वारा पेश की गई थ्योरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और आईसीएमआर दोनों की तरफ से कोई स्वीकृति नहीं प्रदान की गई थी.

ये भी पढ़ें- Covid-19 से रिकवरी पर कितने दिन बाद कराएं Surgery? ICMR ने दिए ये सुझाव

क्रेडिट देने की मांग

एम्स आरडीए के कहा, 'ये सरासर गलत बात है कि सीएसआईआर (CSIR) और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान यानी (NEERI) ने एम्स के युवा रेजिडेंट डॉक्टरों को श्रेय दिए बिना इस गार्गल लवेज तकनीक को अपनी खोज बताकर पेश कर दिया है. आरडीए ने पत्र में मांग की है कि एम्स के युवा रेजिडेंट डॉक्टरों को गार्गल लैवेज तकनीक का श्रेय जरूर दिया जाना चाहिए.'

LIVE TV

Trending news