Infra Development of Eastern Ladakh: पूर्वी लद्दाख में इंफ्रा डेवलपमेंट के हिस्से के रूप में स्नो लेपर्ड ब्रिगेड के न्योमा सैपर्स ने सिंधु नदी पर एक मजबूत ह्यूम पाइप पुल का निर्माण किया है.
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Hume pipe bridge over Indus River: भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार बढ़ाते जाने की मुहिम को कड़ा जवाब दिया है. स्नो लेपर्ड ब्रिगेड के न्योमा सैपर्स ने पूर्वी लद्दाख में इंफ्रा डेवलपमेंट के हिस्से के रूप में सिंधु नदी पर एक मजबूत ह्यूम पाइप पुल का निर्माण किया है. यह पुल कनेक्टिविटी को काफी हद तक बढ़ाएगा और सेना और नागरिकों दोनों के लिए न्योमा और निडर के गांवों तक आसान पहुंच प्रदान करेगा.
भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का वीडियो वायरल
भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने मंगलवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. पोस्ट करते ही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया. इस वीडियो में पूर्वी लद्दाख में न्योमा और निडर इलाके के गांवों के बीच नागरिकों और सेना की आवाजाही आसान करने के लिए पुल को बनाने की पूरी प्रक्रिया को दिखाया गया है.
#NyomaSappers bridging obstacles and building a new landscape.#NyomaSappers of Snow Leopard Brigade as part of Infra Development of Eastern Ladakh have constructed a Hume pipe bridge over Indus River. The bridge will significantly enhance connectivity and enable easy access… pic.twitter.com/8YHDxeO4oZ
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) August 6, 2024
ह्युम पाइप की मल्टी लेयरिंग के बाद पुल का ठोस कंस्ट्रक्शन
एक मिनट सात सेकेंड के इस वीडियो में पुल बनने की पूरी प्रक्रिया के साथ ही सेना के कई भारी वाहनों को पुल पर चलते हुए भी दिखाया गया है. इसके जरिए पुल की मजबूती भी दिख रही है. पुल बनाने के लिए सेना के काबिल इंजीनियर्स ने ह्युम पाइप की मल्टी लेयरिंग करने के बाद इस पर ठोस कंस्ट्रक्शन वर्क किया है. पुल को रिकॉर्ड समय में पूरा किए जाने की बात कही जा रही है.
हाल ही में चीन ने पैंगोंग झील पर बनाया था 400 मीटर का पुल
इससे पहले 30 जुलाई को लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन सरकार के 400 मीटर लंबे पुल का निर्माण पूरा करने की खबर आई थी. यह पुल 1958 से चीन के कब्जे वाले इलाके में बनाया गया था. इस नए बने पुल की मदद से चीन की सेना को पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट के बीच ट्रूप्स की आवाजाही करने में बड़ी आसानी हो सकती है. चीन के इस पुल के निर्माण पर भारत के लिए चिंतित होना स्वाभाविक था.