मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, 3.45 बजे होगी सुनवाई
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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, 3.45 बजे होगी सुनवाई

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका का उल्लेख कर इस पर आज ही सुनवाई करने का अनुरोध किया. 

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली : भीमा-कोरेगांव मामले के सिलसिले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. महाराष्ट्र पुलिस द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किए गए इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर माओवादियों से संपर्क होने का संदेह है. .दरअसल, याचिकाकर्ता रोमिला थापर, देवकी जैन, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और माया दारूवाला की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले को रखा.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका का उल्लेख कर इस पर आज ही सुनवाई करने का अनुरोध किया. 

न्यायालय इस याचिका पर अपराह्न पौने चार बजे सुनवाई के लिए तैयार हो गया. न्यायालय में दायर याचिका में इन कार्यकर्ताओं की रिहाई का अनुरोध किया गया है. इसके अलावा, इन गिरफ्तारियों के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का भी अनुरोध याचिका में किया गया है.

उधर, भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए गौतम नवलखा मामले की सुनवाई दिल्ली हाइकोर्ट में अब दोपहर 2.15 पर होगी. मंगलवार को हाईकोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर आज (बुधवार) तक के लिए रोक लगा दी थी. 

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पुणे के निकट कोरेगांव-भीमा गांव में पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एलगार परिषद के बाद दलितों और सवर्ण जाति के पेशवाओं के बीच हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में चल रही जांच के दौरान कल देश के कई हिस्सों में छापे मारे गए थे.

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