Lightning Strike Death: आकाशीय बिजली बिहार में लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. बता दें कि 1 जुलाई से 11 जुलाई तक बिहार में वज्रपात से 30 लोगों की मौत हो चुकी है. 1 जुलाई को 7 की मौत, 6 जुलाई को 9 की मौत, 7 जुलाई को 10 की मौत, 11 जुलाई को 4 की मौत हो चुकी है.
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पटनाः Lightning Strike Death: बिहार में आकाशीय बिजली कहर बनकर लोगों पर टूट रही है. बता दें कि 1 जुलाई से 11 जुलाई तक बिहार में वज्रपात से 30 लोगों की मौत हो चुकी है. 1 जुलाई को 7 की मौत, 6 जुलाई को 9 की मौत, 7 जुलाई को 10 की मौत, 11 जुलाई को 4 की मौत हो चुकी है. वहीं आकाशीय बिजली से आज भोजपुर में 18 स्कूली छात्र घायल हो गए है. वहीं मौसम विभाग के अनुसार, आज भी प्रदेश में बारिश बनी रहेगी. कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश होने की संभावना है. लोगों को सावधान रहने को कहा है.
औरंगाबाद में तीन महिला समेत कुल चार लोगों की मौत
वहीं बिहार के औरंगाबाद में ठनका की चपेट में आकर तीन महिला समेत कुल चार लोगों की मौत हो गई है. पहली घटना ओबरा थाना क्षेत्र के डिहरी गांव की है. जहां सुनील चंद्रवंशी की 35 वर्षीय पत्नी प्रमिला देवी की मौत हो गई. जबकि गुड़िया देवी और विमला देवी घायल हो गए. दूसरी घटना भी ओबरा थाना क्षेत्र के कुराईपुर गांव की है जहां ठनका गिरने से 34 वर्षीय रामदेव यादव उर्फ पिंटू कुमार की मौत हो गई.
तीसरी घटना मदनपुर थाना क्षेत्र खीरियावां गांव की है. जहां उपेंद्र शर्मा की पत्नी नगीना देवी वज्रपात की चपेट में आ गई. चौथी घटना मदनपुर थाना क्षेत्र के ही पलकिया गांव में ठनका निवासी रघुनंदन दास की 55 वर्षीय पत्नी सुगिया देवी की मौत हो गई. सभी मृतक खेती के कार्यों में जुटे थे और रोपनी कर रहे थे. तभी आसमानी बिजली की चपेट में आ गए.
सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया और मृतकों के परिजनों को आपदा राहत के तहत मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया जारी है. इधर वज्रपात की चपेट में आए सभी घायलों का इलाज औरंगाबाद सदर अस्पताल में किया जा रहा है.
नालंदा में वज्रपात से महिला बच्ची समेत तीन की मौत
वहीं नालंदा जिले में अलग-अलग स्थान पर वज्रपात होने से तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि एक घायल हो गया. दरअसल, नालंदा में लगातार हो रही बारिश के साथ-साथ वज्रपात होने के कारण गुरुवार को अलग-अलग स्थान पर तीन लोगों की मौत हो गई. जिसमें अस्थावां थाना क्षेत्र के चकदिन गांव निवासी इंद्रदेव यादव के 4 वर्षीय पुत्री सुष्मिता कुमारी बारिश के दौरान अपने छत पर नहा रही थी. इसी दौरान वज्रपात होने के कारण सुष्मिता कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई.
वहीं गोकुलपुर थाना क्षेत्र के पकड़िया बीघा में जानवर देखने जा रही पिंकी देवी के ऊपर वज्रपात हो गया. जिससे पिंकी देवी की मौके पर ही मौत हो गई और कौशल्या देवी जख्मी हो गई. जिसका इलाज बिहार शरीफ सदर अस्पताल में चल रहा है. वही कतरीसराय थाना क्षेत्र के बरांदी गांव में खेत में काम करने के दौरान एक अधेड़ सचित सिंह की मौत वज्रपात के कारण हो गई. फिलहाल पुलिस ने सभी के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है.
लखीसराय में भी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि
वहीं लखीसराय में भी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. जिससे लोग डरे-सहमे हुए हैं. लोग ऊंची स्थान पर पलायन को मजबूर हैं. पड़ोसी देश नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और बैराज से छोड़े जा रहे पानी का असर गंगा नदी में साफ देखा जा रहा है. गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से परेशान किसान और पशुपालन अब नाव पर आश्रित हो गए है.
पशुपालन एवं किसानों ने बताया कि गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. जिससे खेतों में लगी सब्जी एवं मक्के की फसल डूबने लगा है. लोग नाव के सहारे ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अब तक किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की गई है. ये लोग निजी नाव के सहारे गंगा पार करने को मजबूर हैं.
भागलपुर में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
भागलपुर में कोसी नदी के साथ- साथ अब गंगा भी तेजी से बढ़ रही है. गंगा का जलस्तर भागलपुर में खतरे के निशान से 3 मीटर नीचे है तो वहीं कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है. गंगा का पानी धीरे- धीरे निचले इलाकों में प्रवेश करने लगा है. गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होती रही तो अगले चार से पांच दिनों के अंदर बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाएंगे.
हर वर्ष गंगा नदी सबौर प्रखंड, नाथनगर प्रखंड, गोपालपुर प्रखंड और रंगरा प्रखंड के कई गांवों में कहर बरपाती है. गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा कि बाढ़ के हालात अभी नहीं है. अगर ऐसी स्थिति आती है तो उसके लिए प्रशासन की तैयारी है. बाढ़ प्रमंडल की टीम जगह- जगह भ्रमण कर रही है. जहां- जहां कटाव हो रहा है. वहां कटाव रोधी कार्य किये जा रहे है. इसके साथ ही निजी नाव, एसडीआरएफ के बोट और सरकारी नाव के इंतजाम है. किसी इलाके में बाढ़ का पानी तीन दिनों से ज्यादा रहता है तो वहां के बाढ़ पीड़ितों के लिए शिविर की व्यवस्था की जाएगी.
इनपुट- औरंगाबाद से मनीष कुमार, नालंदा से ऋषिकेश कुमार, लखीसराय से राज किशोर मधुकर, भागलपुर से अश्वनी कुमार
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