केंद्र बातचीत के लिए तैयार, किसान संगठन चाहें तो Farmers Protest खत्म हो सकता है: Narendra Singh Tomar
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केंद्र बातचीत के लिए तैयार, किसान संगठन चाहें तो Farmers Protest खत्म हो सकता है: Narendra Singh Tomar

हरियाणा (Haryana), पंजाब (Punjab)और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सहित तमाम राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले चार महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर बातचीत के संकेत दिए हैं. 

 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली/ग्वालियर: केंद्र के नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के विरोध में किसानों का आंदोलन ( Farmers Protest) जारी है. किसान आंदोलन के मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र और किसान संगठनों के बीच 11 बार बैठकों का दौर चला, इन बैठकों में लगभग 45 घंटे की बातचीत हुई. तमाम मुद्दों पर सहमति न बन पाने के कारण किसानों और केंद्र के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने के सभी प्रयास असफल रहे. अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एक बार फिर किसानों से बातचीत के संकेत दिए हैं. 

केंद्र सरकार सुलझाना चाहती है मुद्दा

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने का प्रयास किया जएगा. किसान संगठनों से इस मुद्दे को सुलझाने का फैसला करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार इस मसले को सुलझाने के लिए रास्ता निकालेगी. केंद्र बातचीत के लिए तैयार है और इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है.' 

चार महीनों से प्रदर्शन जारी

बता दें, हरियाणा (Haryana), पंजाब (Punjab)और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सहित तमाम राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले चार महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Law 2020) को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठन, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming) को किसान विरोधी बता रहे हैं तो MSP और APMC पर लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं. इस मसले पर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है. 

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मागों पर अड़े किसान

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) खुद सदन से इस बात का आश्वासन दे चुके हैं कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा लेकिन किसान अभी भी लिखित आश्वासन और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांगों पर अड़े हुए हैं. किसान मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे हैं, इसी क्रम में बीते शुक्रवार (26 मार्च) को किसान संघ ने भारत बंद का आह्वान किया. 

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