चीन (China) लगातार नए इलाको में अपनी सेनाओं की तादाद और ताकत में इजाफा कर रहा है. उत्तर-पूर्व में डोकलाम (Doklam) के दूसरी ओर निगरानी के उपकरण तैनात करने के साथ-साथ चीन अब तिब्बत (Tibet) के ग्यांतसे (Gyantse) में बड़ा सैनिक ठिकाना तैयार कर रहा है.
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नई दिल्ली: चीन (China) लगातार नए इलाको में अपनी सेनाओं की तादाद और ताकत में इजाफा कर रहा है. उत्तर-पूर्व में डोकलाम (Doklam) के दूसरी ओर निगरानी के उपकरण तैनात करने के साथ-साथ चीन अब तिब्बत (Tibet) के ग्यांतसे (Gyantse) में बड़ा सैनिक ठिकाना तैयार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस जगह पर पूरी ब्रिगेड को हर मौसम में तैनात रखा जा सकता है. इसका निर्माण कार्य इसी साल जनवरी में पूरा हुआ है और बाकी काम अगले साल तक अगले साल तक पूरा हो जाने की संभावना है.
क्या चाहता है चीन?
विशाल सैनिक छावनी में 6 बटालियन रखने के लिए इमारतों का निर्माण हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक 6 बटालियन हेडक्वार्टर के अलावा यहां एक प्रशासनिक मुख्यालय (Administrative Headquarter) बनाया जा रहा है. 600 से ज्यादा गाड़ियों के शेड्स के अलावा बहुत बड़ी तादाद में उपकरणों के रखने के लिए शेड भी बनाए जा रहे हैं.
लोकेशन पर सवाल
एक आर्टिलरी रेजिमेंट को ग्यांतसे से 14 किमी दूर तैनात किया जा रहा है. ये ब्रिगेड हेडक्वार्टर ऐसी जगह पर है जहां से सिक्किम और अरुणाचल दोनों ही तरफ नजर रखी जा सकती है या सैनिक अभियान शुरू किए जा सकते हैं. चीन ने 20 जून से 6 जुलाई के बीच सिक्किम के पास डोकलाम के दूसरी ओर दीवार, वॉच टावर जैसे निर्माण किए हैं.
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विवाद खींचने की मंशा
चीन के साथ भारत का मई से 4 दशकों का सबसे गंभीर सीमा विवाद चल रहा है. लद्दाख में 40 हजार से ज्यादा सैनिक दोनों ओर से तैनात हैं. लेकिन सिक्कम और अरुणाचल के पास सैनिक निर्माण से ये आशंका जताई जा रही है कि चीन इस विवाद को और बड़े इलाके में फैलाना चाह रहा है. सिक्किम में चीन 2017 में भी विवाद खड़ा कर चुका है, जहां वो अपनी सीमा बढ़ाना चाह रहा है. वहीं अरुणाचल को लेकर चीन के इरादे ज्यादा खतरनाक हैं. यहां तवांग पर चीन अपना दावा करता है और यहां के बौद्ध मठों पर कब्जा करना चाहता है. यहां कई बार भारत और चीन के सैनिकों के बीच मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं.
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