वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन से मिलने पहुंचे सीएम केजरीवाल, इन मुद्दों पर हुई बात
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन से मिलने पहुंचे सीएम केजरीवाल, इन मुद्दों पर हुई बात

दिल्‍ली सरकार ने वित्‍त मंत्रालय को दिया दिल्‍ली में निवेश करने का सुझाव, बदले में अधिक टैक्स इकट्टा करके केंद्र सरकार देने का प्रस्‍ताव दिया गया है.  

दिल्‍ली सरकार ने केंद्रीय वित्‍त मंत्री से अनुरोध किया कि जैसे दूसरे राज्यों के नगर निगमों को ग्रांट दी जाती है, वैसे ही दिल्ली में भी नगर निगमों को ग्रांट दी जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से मुलाकात की. मुलाकात के बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने उनको चुनावों में जीत की बधाई दी है. उनको बहुत महत्वपूर्ण मंत्रालय मिला है, इसके लिए भी उनको शुभकामनाएं दी है. 

उन्‍होंने बताया कि मैंने वित्त मंत्री को ये भी आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगी. हमारा मकसद है कि दिल्ली का विकास हो. दिल्ली देश की राजधानी है, दिल्ली के विकास के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है. दिल्ली सरकार ऐसा करना चाहती है.

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उन्‍होंने बताया कि वित्त मंत्री के साथ बजट से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई. हमने उन्हें बताया कि दिल्ली हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स इकट्टा करके केंद्र सरकार को देती है. लेकिन बदले में केवल 325 करोड़ रुपये दिल्ली को वापस मिलता है. बाकी राज्यों को काफी पैसा मिलता है. किसी राज्य को 30 हजार करोड़ रुपये, किसी को 40 हजार करोड़ मिलता है. 

हमने वित्त मंत्री से कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार इन्वेस्ट करे. इससे दिल्ली की इकनॉमी बूम करेगी. दिल्ली और टैक्स इकट्टा करके केंद्र सरकार को देगी. मुख्‍यमंत्री केजरीवाल के अनुसार, वित्त मंत्री को हमने ये भी बताया कि केंद्र सरकार, पूरे देश में हर राज्य के नगर निगमों को ग्रांट देती है. लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली में नगर निगमों को ग्रांट नहीं दी जाती. 

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उन्‍होंने कहा, हमने उनसे अनुरोध किया कि जैसे दूसरे राज्यों के नगर निगमों को ग्रांट दी जाती है, वैसे ही दिल्ली में भी नगर निगमों को ग्रांट दी जाए. इसके अलावा, वित्त मंत्री से ये भी अनुरोध किया कि इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (आईजीएसटी) का 3000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास दिल्ली का पड़ा हुआ है, उसे दिया जाए. 

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