सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम फैसला कल, कोर्ट में पेश होंगे मनोज तिवारी
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सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम फैसला कल, कोर्ट में पेश होंगे मनोज तिवारी

जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ मनोज तिवारी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर गुरुवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली के गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनाएगा. जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ मनोज तिवारी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर गुरुवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी. इस दौरान मनोज तिवारी को कोर्ट में पेश रहना होगा. 

दरअसल, मनोज तिवारी पर एक इमारत में की गई सील तोड़ने का आरोप है. दिल्ली में अवैध निर्माण को सील करने की कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है.इससे पहले तिवारी की दलील थी कि सीलिंग कमिटी की कार्रवाई अवैध थी. मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं बनता था क्योंकि उन्होंने कोर्ट की अवमानना नहीं की है और इस मामले से मॉनिटरिंग कमिटी के निर्देश का कोई लेना देना नहीं था, इसलिए वो माफी नहीं मांगेंगे. उन्होंने ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करे और वो खुद सीलिंग अफसर बनने को तैयार हैं.  

मनोज तिवारी ने कहा था कि इसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने गैर कानूनी काम किया है और पता नहीं क्या कारण है कि मॉनिटरिंग कमिटी ने ओखला, जामिया, शाहीन बाग, नूर नगर और जौहरी फार्म्स जैसे इलाकों में कोई सीलिंग नहीं कर रही है जबकि वहां पर पांच से सात मंजिला इमारतें बनी हुई हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि दिल्ली के लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए मैं सीलिंग ऑफिसर बनने को तैयार हूं. वहीं, दूसरी ओर मॉनिटरिंग कमिटी ने कोर्ट को बताया था कि तिवारी ने एक इमारत की सील तोड़ी है. ये न सिर्फ सरकारी काम मे दखल है, बल्कि अदालत की भी अवमानना है ऐसे में तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जानी चाहिए. 

आपको बता दें कि 16 सितंबर को दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गोकलपुरी में एक मकान में पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाई गई सील तोड़ दी थी. मनोज तिवारी अपने लोकसभा क्षेत्र में सड़क के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे.तभी लोगों ने उन्हें घेरकर सीलिंग से निजात दिलाने की मांग की थी. लोगों ने उन्हें एक मकान दिखाया जिस पर पूर्वी निगम की तरफ से सील लगाई गई थी.

बीजेपी नेता ने तुरंत ही एक ईंट उठाकर मकान की सील तोड़ दी थी. जिस मकान पर सील लगी थी, वो रिहायशी मकान था. कुछ समय पहले निगम की तरफ से उस मकान को अवैध निर्माण के चलते सील कर दिया गया था. तिवारी के खिलाफ गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी के अधिकारियों के द्वारा शिकायत करने के बाद आईपीसी की धारा 188, 461 और 465 डीएमसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.  

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