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नई दिल्ली: संसद (Parliament) में प्रवेश के लिए जरूरी पास में कथित रूप से फर्जीवाड़ा करने व लोगों को ठगने को लेकर बिहार (Bihar) से 26 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी का नाम बबलू कुमार आर्य (Bablu Kumar Arya) है जो पिछले काफी समय से बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम (Janak Ram) के पीए का काम कर रहा था.
दरअसल, पुलिस को शिकायत मिली थी कि एक सासंद के निजी सचिव के लिए बबलू कुमार आर्य नाम से एक लोक सभा पास बनाया गया है, जबकि संबंधित सांसद ने इसकी कोई सिफारिश नहीं की थी. जब जांच शुरू हुई तो पुलिस को पता चला कि आर्य न तो किसी सांसद का निजी सहायक या निजी सचिव है, और न ही लोक सभा पास जारी करने के लिए उसके नाम की कोई सिफारिश की गई थी. चूंकि इस पास का इस्तेमाल संसद में प्रवेश के लिए किया जा सकता था और वह सुरक्षा संबंधी खतरा होता तो ऐसे में मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है.
बताते चलें कि ये शिकायत गोपालगंज के सांसद डॉ. आलोक सुमन ने लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला, गृह मंत्री अमित शाह, PMO और दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी. सांसद का आरोप है, 'बबलू कुमार आर्य ने मेरे नाम का सहारा लेकर संसद भवन के लिए फर्जी पास बनाया था. यह सुरक्षा मामले में बड़ी चूक है. उसने फर्जी तरीके से संसद में PA का पास अपने नाम पर जारी करा लिया था, जबकि वो मेरा PA नहीं हैं. यह पास तभी बन सकता है जब कोई सांसद अपने किसी निजी सहायक को अपने लेटर हेड पर लिखकर लोक सभा में जाने की अनुमति देता है, लेकिन बबलू ने किसी भी प्रक्रिया को नहीं अपनाया.'
डिप्टी पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मोनिका भारद्वाज ने बताया, 'ये फर्जी पास ज्योति भूषण कुमार भारती (Jyoti Bhushan Kumar Bharti) नामक एक व्यक्ति को जारी किए गए लोक सभा पास को एडिट करके बनाया गया है. आर्य, भारती को जानता है और दोनों ही बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. इसके बाद हमने एक टीम गोपालगंज और पटना भेजी, जिन्होंने दोनों से पूछताछ की. इस दौरान आर्य ने अपना अपराध कबूल लिया, जिसके बाद टीम ने शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस पूछताछ में आर्य ने बताया कि भारती को 18 जून, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 के लिए पास जारी किया गया था. ये बात आर्य को पता थी. उसी दौरान आर्य ने भारती की जानकारी के बगैर ही गोपालगंज में उसके घर पर उसकी जेब से मूल पास निकाल लिया और उसे एक साइबर कैफे में स्कैन करके एडिट किया और फर्जी पास बना लिया. इसके बाद आर्य ने भारती का पास ले जाकर वापस उसकी जेब में रख दिया. इसी कारण भारती, आर्य की इस चाल से अनजान रहा. आर्य का मकसद फर्जी पास की मदद से अपना रौब दिखाना और लोगों को ठगना था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जबसे जनक राम मंत्री हैं, तब से बबलू कुमार आर्य उनके PA के तौर पर काम कर रहा था. ऐसे में जब बबलू गिरफ्तार हुआ तो खान-भूतत्व मंत्री जनक राम पर भी सवाल उठने लगे. जिसके बाद उन्होंने बताया- 'जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो एक महीने पहले ही बबलू कुमार आर्य को बर्खास्त कर दिया था. उसकी तमाम सुविधाओं को खत्म कर दिया था. अभी उससे मेरा कोई वास्ता नहीं है. यह जांच का विषय है, कानून अपना काम कर रहा है. मैं मामले में कानून का साथ दे रहा हूं.
(इनपुट: भाषा से भी)
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