44 किमी पैदल चल आईटीबीपी के महानिदेशक ने लिया अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का जायजा
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44 किमी पैदल चल आईटीबीपी के महानिदेशक ने लिया अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का जायजा

आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, बालटाल मार्ग पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा यात्रियों को सुरक्षा देने के अलावा आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन तथा दवाइयां आदि भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं.

 

अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल. (फोटो: ITBP)

नई दिल्‍ली: अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा व्‍यवस्‍था का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल जम्‍मू और कश्‍मीर पहुंचे. उन्‍होंने ने अमरनाथ यात्रा के दौरान आइटीबीपी द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ यात्रियों को पहुंचाई जा रही हर संभव मदद की जानकारी ली. 

  1. आईटीबीपी के महानिदेशक ने ली अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा का जायजा
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आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, बालटाल मार्ग पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा यात्रियों को सुरक्षा देने के अलावा आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन तथा दवाइयां आदि भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इसके अलावा, बीते दिनों ऊपर से गिरते पत्थरों और तेज बहते नालों के बीच आते पत्थरों के खिलाफ भी आईटीबीपी के जवानों द्वारा मानव श्रृंखला और शील्ड की दीवार बनाकर यात्रियों की रक्षा की गई थी. 

आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने इस प्रकार के सहयोग और सुरक्षा के कार्यों में शामिल रहे बल के जवानों को शाबाशी दी और उनका मनोबल बढ़ाया. इस दौरान, एसएस देसवाल ने लगभग 44 किलोमीटर पैदल यात्रा की और बीच-बीच में यात्रियों से सुरक्षा व्यवस्था और अन्य सुविधाओं के विषय में जानकारी भी प्राप्त की.

उन्‍होंने बताया कि इस दौरान उनके साथ बल मुख्यालय से आइटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. अमरनाथ यात्रा में इस वर्ष व्यवस्थाओं पर खास ध्यान दिया गया है. सुरक्षा के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन दवाइयां आदि उपलब्ध करवाने के लिए आईटीबीपी के जवानों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित करके इस बालटाल रूट पर तैनात किया गया है. 

उन्‍होंने बताया कि यह जवान यात्रा के समय के दौरान लगातार यात्रियों के बीच ही गतिमान रहते हैं. किसी प्रकार की परेशानी महसूस होने पर फर्स्ट एड और ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था करते हैं. पहली बार यात्रा में चुने हुए और प्रशिक्षित जवानों की पीठ पर पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर है. अब तक सैकड़ों यात्रियों को ऑक्सीजन दिया गया है, जिससे यात्रा मार्ग पर बीमार लोगों को मदद मिल सकी है. 

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