Qutab Minar: ASI के पूर्व अधिकारी ने कुतुबमीनार को बताया सूर्य स्तंभ, सबूत के तौर पर दिए ये तर्क
Advertisement
trendingNow11188530

Qutab Minar: ASI के पूर्व अधिकारी ने कुतुबमीनार को बताया सूर्य स्तंभ, सबूत के तौर पर दिए ये तर्क

Qutab Minar: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने कुतुब मिनार को सूर्य स्तंभ बताया है और सबूत के तौर पर कई तर्क भी दिए हैं.

Qutab Minar: ASI के पूर्व अधिकारी ने कुतुबमीनार को बताया सूर्य स्तंभ, सबूत के तौर पर दिए ये तर्क

Qutab Minar is Surya Stambh: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है और हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया है, वहीं मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मिनार को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी ने बड़ा दावा किया है और इसे सूर्य स्तंभ बताया है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात का साबित करने के लिए कई तथ्य भी दिए हैं.

स्तंभ से की जाती थी नक्षत्रों की गणना

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने कुतुब मिनार को सूर्य स्तंभ बताते हुए कहा कि यह मीनार एक वेधशाला (Observatory) है, जिसमें नक्षत्रों की गणना की जाती थी. उन्होंने कहा कि 27 नक्षत्रों की गणना के लिए इस स्तंभ में दूरबीन वाले 27 स्थान भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि कुतुब मिनार की तीसरी मंजिल पर सूर्य स्तंभ के बारे में जिक्र भी किया गया है.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने का नया वीडियो आया सामने, नजर आई ये चीजें

कई बार कराया है कुतुब मीनार में संरक्षण का कार्य

रिपोर्ट के अनुसार, धर्मवीर शर्मा देश के बड़े आर्कियोलॉजिस्ट में शामिल हैं, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के दिल्ली मंडर में 3 बार सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट रहे हैं. उन्होंने कई बार कुतुब मीनार में संरक्षण का काम कराया है और उसके अंदर गए हैं. उनका दावा है कि उन्होंने कुतुब मिनार के अंदर देवनागरी लिखावट को देखा है.

सम्राट विक्रमादित्य ने कराया था निर्माण

धर्मवीर शर्मा का दावा है कि आर्कियोलॉजिकल एविडेंस के आधार पर कहा जा सकता है कि कुतुब मीनार एक बहुत बड़ी वेधशाला (Observatory) थी, जहां नक्षत्रों की गणना की जाती थी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया है कि इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने नहीं, बल्कि राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने खगोलविज्ञानी वराह मिहिर के नेतृत्व में करीब 1700 साल पहले पांचवीं शताबदी में कराया था.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग या फव्वारा? असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बात

धर्मवीर शर्मा ने दिए ये तर्क

धर्मवीर शर्मा ने कुतुब मीनार को वेधशाला (Observatory) साबित करने के लिए सबूत के तौर पर कई तथ्य सामने रखे हैं. उनका कहना है कि इसे कर्क रेखा के ऊपर बनाया गया है, जिससे सूर्य की गतिविधि की गणना की जाती थी. उनका दावा है कि इस मीनार की छाया 21 जून को 12 बजे जमीन पर नहीं पड़ती है.

उन्होंने दावा किया कि राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने सूर्य स्तंभ के नाम से विष्णुपद पहाड़ी पर यह वेधशाला बनाई थी और इस मीनार के ऊपर बेल, बूटे घंटियां आदि बनी हैं, जो मंदिरों में बनाई जाती हैं. इससे साबित होता है कि इसे हिंदुओं ने बनाया था. इसके साथ ही इसके ऊपर इसे बनाने वालों के नाम लिखे हैं, उनमें एक भी मुसलमान नहीं था.

लाइव टीवी

Trending news