जिस तरह कोरोना से लड़ाई में फ्रंट लाइन वर्कर्स जुटे हैं, वैसे ही भारतीय रेलवे (Indian Railway) के बैकेंड योद्धाओं ने COVID 19 की महामारी के कारण जोरदार काम किया है.
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नई दिल्ली: जिस तरह कोरोना से लड़ाई में फ्रंट लाइन वर्कर्स जुटे हैं, वैसे ही भारतीय रेलवे (Indian Railway) के बैकेंड योद्धाओं ने COVID 19 की महामारी के कारण जोरदार काम किया है. लॉकडाउन के कारण निलंबित रहीं यात्री सेवाओं के कारण मिले समय का रेलवे ने पूरा फायदा उठाया है. इस समय में रेलवे ने सालों से लंबित पड़े मेंटनेंस प्रोजेक्ट (railway maintenance projects) पर जमकर काम किया. रेलवे ने यार्ड रीमॉडलिंग, पुराने पुलों की मरम्मत, रेल लाइन डबल करना, इलेक्ट्रिक लाइन डालने जैसे 200 से अधिक प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है.
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इनमें से कई प्रोजेक्ट सालों से लंबित थे जिनके कारण अक्सर भारतीय रेलवे को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुनिश्चित करने के लिए पार्सल ट्रेन और मालगाड़ियां चलाने के अलावा रेलवे ने बाद में श्रमिक विशेष ट्रेनें भी चलाईं हैं.
चूंकि इस दौरान सामान्य यात्री सेवाएं बंद थीं लिहाजा इसे वन टाइम अपॉरच्युनिटी मानते हुए मेंटनेंस के जरूरी काम को लॉकडाउन समय में पूरा करने की योजना बनाई गई थी. ये काम अड़चनों को हटाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए किए गए थे. इसमें पुल के 82 पुनर्निर्माण / पुनर्वास, 48 सीमित ऊंचाई के मेट्रो / सड़क पर फाटक के बराबर अंडर ब्रिज, 16 निर्माण / फुट ओवर ब्रिज का सुदृढ़ीकरण, 14 पुराने फुट ओवर ब्रिज को डिस्मेंटल करना, इसके अलावा यार्ड रिमॉडलिंग, लाइन डबल करने समेत कुल 200 प्रोजेक्ट पर काम किया गया है.
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