अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर का इंतज़ार ख़त्म, इसी महीने हिंडन एयरबेस पहुंचेगी पहली खेप
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अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर का इंतज़ार ख़त्म, इसी महीने हिंडन एयरबेस पहुंचेगी पहली खेप

अगस्त में पठानकोट में पहली स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल होगी.

अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर का इंतज़ार ख़त्म, इसी महीने हिंडन एयरबेस पहुंचेगी पहली खेप

नई दिल्लीः भारतीय वायुसेना को मिलने वाले अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की पहली खेप इसी महीने के आखिर तक ग़ाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच जाएगी. संभावना है कि इस खेप में 3 से 4 हेलीकॉप्टर्स होंगे. लेकिन पठानकोट में अपाचे की पहली स्क्वाड्रन की तैनाती के लिए एक महीने और इंतज़ार करना होगा. भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर्स की ख़रीद की है. 

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सूत्रों के मुताबिक अपाचे हेलीकॉप्टर्स 27 जुलाई को AN 224 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से ग़ाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच जाएंगे. इन्हें यहां तैयार किया जाएगा और अगस्त के आखिरी हफ्ते में उन्हें भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल होने के लिए पठानकोट भेजा जाएगा.

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अपाचे की पहली स्क्वाड्रन पठानकोट में तैनात रहेगी जिसके पहले कमांडिंग अफसर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे.पठानकोट में पहले से ही तैनात वायुसेना की 125 हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन(125 H SQUADRON)  फिलहाल MI -35 हेलीकॉप्टर्स उड़ाती है और अब ये देश की पहली अपाचे स्क्वाड्रन होगी. दूसरी स्क्वाड्रन असम के जोरहाट में तैनात होगी. संभावना है कि 2020 तक सभी अपाचे भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे. 

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क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत
अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है जिसमें एक बार में 1200 तक राउंड हो सकते हैं. इसके अलावा अपाचे एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह करने के लिए काफ़ी है. अतिरिक्त हथियार के तौर पर हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट लगा होता है जो किसी ज़मीन के किसी निशाने पर अचूक वार करता है. अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो इसे हवा में जबरदस्त रफ्तार से दुश्मन के पास जाने में मदद करता है. 

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वायुसेना के पास अभी है MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स 
भारतीय वायुसेना अभी रूस में बने MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल करती है. इनकी एक स्क्वाड्रन पठानकोट और दूसरी राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात रहती है. ये अच्छे अटैक हेलीकॉप्टर्स हैं लेकिन अब ये तीन दशक पुराने हो चुके हैं. वायुसेना के पास स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव से विकसित किया गया रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर भी है. वायुसेना ने स्वदेश में विकसित लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर का भी ऑर्डर हिंदुस्तार एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया है. 

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