आतंक पर अब होगा डबल अटैक, गडकरी ने तैयार कर लिया 'ब्लूप्रिंट', बिलों में भी छिप नहीं पाएंगे दहशतगर्द
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आतंक पर अब होगा डबल अटैक, गडकरी ने तैयार कर लिया 'ब्लूप्रिंट', बिलों में भी छिप नहीं पाएंगे दहशतगर्द

Terrorism in Kashmir: नितिन गडकरी का अगला मिशन अब जम्मू कश्मीर है, जहां आतंक से निपटारे के लिए सड़क का रास्ता अपनाया जा रहा है. सड़क के जरिए पहाड़ के पिछड़े और जंगली इलाकों को जोड़ा जाएगा, जिससे आतंकवाद पर लगाम लगाने में सुरक्षाबल को मदद मिलेगी. जवान गाड़ियों के जरिए तेजी से हर इलाके में पहुंच पाएंगे, जिससे आतंकवाद पर डबल अटैक होगा. 

आतंक पर अब होगा डबल अटैक, गडकरी ने तैयार कर लिया 'ब्लूप्रिंट', बिलों में भी छिप नहीं पाएंगे दहशतगर्द

Jammu-Kashmir Highway: लेट होने वाले सरकारी कर्मचारियों को सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से सीख लेने की जरूरत है क्योंकि उन्होंने जिस तेजी से देश में सड़क और हाइवे को कनेक्ट किया है उसने सबको हैरान कर दिया है. वहीं जम्मू कश्मीर के लिए भी गडकरी ने सड़क निर्माण का जो प्लान तैयार किया है उससे आतंकी अब गोली से नहीं बल्कि गडकरी से डरेंगे.

नितिन गडकरी का अगला मिशन अब जम्मू कश्मीर है, जहां आतंक से निपटारे के लिए सड़क का रास्ता अपनाया जा रहा है. सड़क के जरिए पहाड़ के पिछड़े और जंगली इलाकों को जोड़ा जाएगा, जिससे आतंकवाद पर लगाम लगाने में सुरक्षाबल को मदद मिलेगी. जवान गाड़ियों के जरिए तेजी से हर इलाके में पहुंच पाएंगे, जिससे आतंकवाद पर डबल अटैक होगा. 

अब बिलों में नहीं छिप पाएंगे आतंकवादी

घाटी में इस समय ऐसे कई इलाके हैं, जहां आवाजाही के लिए सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है. इसके पीछे की बड़ी वजह पथरीले और जंगली इलाकों का होना है, जहां सड़क निर्माण का काम आसान नहीं है. यही वजह है कि इन इलाकों का विकास भी नहीं हो पाया और आतंकी ऐसी जगहों को अपनी पनाहगाह बना लेते हैं. और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद जंगली इलाकों में आसानी से छिप जाते हैं. लेकिन अगर इन इलाकों में सड़क का निर्माण हो गया तो इससे सुरक्षाबलों को अपने ऑपरेशन में मदद मिलेगी और आतंकियों की कमर टूट जाएगी.

रोड कनेक्टिविटी का ही असर है कि साउथ कश्मीर में आतंकवाद को खत्म किया गया. ये वो इलाका था, जहां आतंकी सबसे ज्यादा सक्रिय हुआ करते थे. लेकिन जब वहां सड़क का निर्माण हुआ तो सुरक्षाबल को आतंकवाद खत्म करने में मदद मिली. जवानों की गाड़ियां तेजी से आने-जाने लगीं. इलाकों की घेराबंदी तेज हो गई और आतंकियों के भागने के रास्ते बंद हो गए.

यही वजह रही कि नितिन गडकरी एक दिन पहले श्रीनगर भी पहुंचे जहां उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें जम्मू-कश्मीर में सड़क, सुरंग एवं पुल निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की. इसी दौरान उन्होंने बताया कि छत्तरगला सुरंग को NHAI बनाएगा. 

  • छत्तरगला सुरंग को बनाने में 4000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. 

  • छत्तरगला सुरंग साढ़े छह किलोमीटर लंबी होगी.

  • इसके बनने से करीब 20 किलोमीटर की दूरी घटेगी.

  • इससे कठुआ से डोडा तक पूरे क्षेत्र में विकास को नई उड़ान मिलेगी.

  • साथ ही कश्मीर जाने के लिए सड़क संपर्क के रूप में तीसरा विकल्प मिलेगा.

नितिन गडकरी ने खुद को किया है साबित

नितिन गडकरी इस काम को भी समय से पूरा कर लेंगे क्योंकि वो अपनी योजना को पूरा करने में कभी लेट नहीं हुए और इसकी सबसे बड़ी वजह से समय से दफ्तर आना और काम को पूरा करना. ऐसे में सरकारी दफ्तर के उन बाबुओं को भी नितिन गडकरी से सीख लेने की जरूरत है जो काम तो सरकार का करते हैं लेकिन अपने मुताबिक, ना तो कभी समय से दफ्तर पहुंचते हैं और ना ही अपने समय के घंटों को पूरा करके घर जाते हैं.

कश्मीर को मिलेगा नया हाईवे

आतंकियों के लिए एक तरफ सुरक्षाबल तैयारी कर रहे हैं. तो दूसरी ओर उन तक पहुंचने के लिए अब जम्मू कश्मीर में सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी है. कश्मीर घाटी तक नया हाईवे बनाने की तैयारी है. 

  • बसोहली-बनी-भद्रवाह हाईवे बनाने का काम चल रहा है. इसके बनने से कश्मीर जाने का तीसरा रास्ता होगा.

  • फिलहाल कश्मीर के लिए जम्मू-श्रीनगर हाईवे और पुंछ से घाटी को जोड़ने वाला मुगल रोड है.

  • इस हाईवे के बनने से पंजाब और हिमाचल प्रदेश से भी कश्मीर जाने के लिए नई सड़क होगी.  

  • साथ ही ऊधमपुर-रामबन फोर लेन सड़क का काम भी तेज करने का निर्देश दिया गया है.

  • जम्मू के रिंग रोड का काम भी तेज गति से पूरा करने का निर्देश. 

  • बालटाल से अमरनाथ गुफा और चंदनबाड़ी से अमरनाथ गुफा वाले रास्ते के चौड़ीकरण की भी समीक्षा की गई.

  • सड़कों का जाल बिछने से सुरक्षाबलों के लिए जम्मू से कश्मीर तक पहुंचना आसान हो जाएगा.

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