चिदंबरम की याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप है.
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नई दिल्ली: INX मीडिया हेराफेरी मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. बुधवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रमन्ना की बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. उन्होंने चिदंबरम की याचिका को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास भेजा. इससे पहले चिदंबरम की याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप है.
पी चिदंबरम की तरफ से कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, विवेक तनखा कोर्ट रूम में पहुंचे. दरअसल चीफ जस्टिस की कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही है, इसलिए चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट नंबर तीन में जस्टिस रमन्ना की तीन जजों की बेंच के सामने केस को मेंशन करते हुए आग्रह किया कि उनकी अपील को जल्द सुन लिया जाए. तुषार मेहता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ये मामला गंभीर है.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें गिरफ्तारी का डर है. हमारी याचिका सुन लीजिए. जस्टिस रमन्ना ने कहा- मुख्य न्यायाधीश तय करेंगे कि कब और कौन सुनवाई करेगा? सिब्बल ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपील का भी समय नहीं दिया, गिरफ्तारी से फिलहाल राहत मिले. चिदंबरम ने कहा कि वो राज्य सभा के सदस्य हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं है, उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है. चीफ जस्टिस की बेंच अभी अयोध्या मामले में सुनवाई कर रही है. फिलहाल चिदंबरम को राहत मिलने की उम्मीद कम है.
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दरअसल, मंगलवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. चिदंबरम ने अपनी याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती थी. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से जस्टिस रमन्ना के सामने मामले को बुधवार को रखने को कहा था.
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस सुनिल गौर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया था. यह अग्रिम जमानत याचिका चिदंबरम ने सीबीआई और ईडी के केस में दायर की थी. याचिका खारिज होते ही चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है. पिछले साल से ही चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट की अंतरिम रोक थी. इससे पहले CBI और ED ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था. हालांकि हाई कोर्ट ने चिदंबरम को निर्देश दिया था कि वह ED और CBI की जांच में सहयोग करें और बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर ना जाएं.
उल्लेखनीय है कि वहीं INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर हेराफेरी करने का आरोप है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी.
(इनपुट: महेश गुप्ता के साथ)