रेंकोजी मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों की डीएनए जांच चाहती हैं उनकी पुत्री
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रेंकोजी मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों की डीएनए जांच चाहती हैं उनकी पुत्री

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्री डॉ अनीता बोस फाफ यह साबित करने के लिए एक डीएनए जांच कराना चाहती हैं कि जापान के एक मंदिर में रखी अस्थियां उनके पिता की हैं या नहीं। हालांकि उनका विश्वास है कि ताइपे में 1945 में हुई विमान दुर्घटना उनके पिता की मृत्यु का ‘अति संभावित’ कारण हो सकता है।

रेंकोजी मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों की डीएनए जांच चाहती हैं उनकी पुत्री

नई दिल्ली : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्री डॉ अनीता बोस फाफ यह साबित करने के लिए एक डीएनए जांच कराना चाहती हैं कि जापान के एक मंदिर में रखी अस्थियां उनके पिता की हैं या नहीं। हालांकि उनका विश्वास है कि ताइपे में 1945 में हुई विमान दुर्घटना उनके पिता की मृत्यु का ‘अति संभावित’ कारण हो सकता है।

अनीता से जब पूछा गया कि क्या वह इस बात को मानती हैं कि 18 अगस्त, 1945 को ताइपे के ताइहोकू एयरोड्रोम के पास हुई विमान दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी, तो उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस बात की काफी आशंका है कि उनकी मृत्यु की वजह विमान दुर्घटना हो।’ हालांकि उन्होंने कहा कि वह तोक्यो के एक बौद्ध मंदिर में कलश में रखी अस्थियों का डीएनए परीक्षण कराना चाहती हैं ताकि पता लगाया जा सके कि ये नेताजी की हैं या नहीं।

सुभाष चंद्र बोस और एमिली शेंकी की एकमात्र संतान अनीता ने जर्मनी के स्टैटबर्गन में अपने घर से पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘एक डीएनए परीक्षण से प्रमाणित किया जा सकता है, बशर्ते अस्थियां इतनी बुरी तरह नहीं जली हों कि डीएनए जांच नहीं हो सके।’ बोस परिवार के सूत्रों के अनुसार 73 वर्षीय जर्मन अर्थशास्त्री अनीता यहां की सरकार से अनुरोध कर सकती हैं कि तोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियों के डीएनए परीक्षण के लिए जापान सरकार से बात की जाए। वह अगले महीने भारत आ सकती हैं।

क्या हाल ही में सार्वजनिक किये गये दस्तावेजों से विमान दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु की बात पुख्ता तरीके से साबित हो गयी है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी कुछ फाइलें ही देखी हैं, फिर भी मुझे लगता है कि मृत्यु प्रमाणपत्र इसमें संलग्न नहीं है।’

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