दोषी अक्षय के वकील की दलील- दिल्ली में वायु प्रदूषण-पानी की गुणवत्ता बेहद खराब, ऐसे में फांसी की सजा क्यों?
जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपनी दलीलों में वेद पुराण, त्रेता युग का जिक्र किया...
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नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gang Rape Case) में दोषी अक्षय सिंह (Akshay Singh) की पुनर्विचार याचिका पर जस्टिस आर भानुमति की अगुआई वाली वाली 3 सदस्यीय बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान वकील एपी सिंह ने दलीलें रखीं. वकील ने वेद पुराण, त्रेता युग और कलयुग से लेकर दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) तक का जिक्र अपनी दलीलों में किया. वकील ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण और पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है, ऐसे में फांसी की सजा क्यों? कोर्ट मामले में दोपहर एक बजे अपना फैसला सुनाएगा.
जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपनी दलीलों में वेद पुराण, त्रेता युग का जिक्र किया और कहा कि कलयुग में लोग केवल 60 साल तक जीते हैं, जबकि दूसरे युग में कहीं ज्यादा. दिल्ली में वायु प्रदूषण और पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है, ऐसे में फांसी की सजा क्यों? वकील ने कहा कि सरकार भी मानती है कि दिल्ली की हवा बेहद खराब है. डॉक्टर बाहर जाने की सलाह देते हैं.
एपी सिंह ने तिहाड़ के पूर्व जेल अधिकारी सुनील गुप्ता की किताब का जिक्र किया, जिसमें इस बात की संभावना व्यक्त की गई कि इस केस के अन्य आरोपी राम सिंह की जेल में हत्या की गई थी और कहा कि ये नए तथ्य हैं, जिन पर कोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लेखक की बातों पर नहीं जाना चाहते. ये एक खतरनाक ट्रेंड होगा. अगर लोगों ने ट्रायल के बाद किताबें लिखना शुरू कर कर दिया और ऐसी बातों का जिक्र करना शुरू कर दिया तो ये सही नहीं होगा. इस बहस का कोई अंत न होगा अगर कोर्ट ऐसी बातों पर ध्यान देने लगेगी.
(इनपुट- सुमित कुमार से भी)
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