Jagat Shiromani ji Temple: जगत शिरोमणि मंदिर का बेहद रोमांचक है इतिहास, यहां जानें इस मंदिर की कुछ महत्वपूर्ण बातें
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Jagat Shiromani ji Temple: जगत शिरोमणि मंदिर का बेहद रोमांचक है इतिहास, यहां जानें इस मंदिर की कुछ महत्वपूर्ण बातें

Jagat Shiromani ji Temple: जगत शिरोमणि मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो राजस्थान के पुष्कर शहर में स्थित है. यह मंदिर भगवान ब्रह्मा को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में तीन प्रमुख देवताओं में से एक हैं. इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और यह कई सदियों से आसपास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल रहा है. मंदिर की वास्तुकला और नक्काशी भी बहुत आकर्षक है, जो इसकी ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाती है.

Jagat Shiromani ji Temple: जगत शिरोमणि मंदिर का बेहद रोमांचक है इतिहास, यहां जानें इस मंदिर की कुछ महत्वपूर्ण बातें

Pushkar News: जगत शिरोमणि मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर में स्थित एक प्रमुख और प्राचीन मंदिर है. विश्वभर में ये एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण और मीरा बाई की समर्पित है. यह मंदिर आमेर किले के पास स्थित है, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में महारानी कनकावती ने करवाया था. यह मंदिर भगवान कृष्ण और उनकी भक्त मीराबाई को समर्पित है. जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण 1599 और 1608 के बीच हुआ था. इस मंदिर का निर्माण महारानी कनकावती ने अपने बेटे जगत सिंह की स्मृति में करवाया था. एक किशोरावस्था में ही मृत्यु को प्राप्त हो गए थे. इस मंदिर का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है.

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मंदिर की वास्तुकला हिंदू और मुगल शैली का मिश्रण है. इस मंदिर में पत्थरों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है. यहां भगवान कृष्ण, और मीराबाई की मूर्तियां स्थापित हैं. भगवान कृष्ण की मूर्ति को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह वही मूर्ति है जिसकी मीराबाई पूजा करती थीं. मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की मुर्ती भी स्थापित की गई है.
साथ ही विष्णु जी के वाहन गरूड़ की मुर्ती भी मंदिर में स्थापित की गई है. यहां पर आने वाले हर भक्त को एक अलग भावना यहां पर महसूस होती है.

जगत शिरोमणि मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है. बल्कि इसे मीराबाई के भक्ति मार्ग से भी जोड़ा जाता है. मीराबाई, जो भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त थीं. जिन्होने अपने जीवन का अधिकांश समय भगवान कृष्ण की भक्ति में बिताया. इस मंदिर में मीराबाई और भगवान कृष्ण की एक साथ पूजा होती है, जो इसे अद्वितीय बनाती है. यहां पर मीरा बाई के विग्रह को श्रीकृष्ण के साथ स्थापित किया गया है, जो एक भक्ति स्वरूप है. 

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इस मंदिर को मीरा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर मीरा बाई और श्रीकृष्ण की पालकी भी रखी गई है, जिससे महाराजा के समय तीज की सवारी निकाली जाती थी और उस तीज की सवारी में इसी पालकी में मीरा बाई सिटी पैलेस जाती थी, क्योंकि एसी मान्यता है कि तीज पर महिला अपने पीहर जाती है और मीरा बाई को राजा ने अपनी बहन की तरह माना था, जिनकी सवारी उनके पीहर लाई जाती थी.

ये मंदिर पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. इसके पास ही अन्य ऐतिहासिक स्थल जैसे आमेर का किला, जल महल, और जयगढ़ किला स्थित हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ की शांतिपूर्ण और दिव्य वातावरण का आनंद लेते हैं. इस मंदिर में साल भर कई त्योहारों और धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं. इस मंदिर का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है.

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