Jaipur News: राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि विभाग में छात्र-छात्राओं को अंगदान करने के लिए जागरूक किया गया.इस जागरूकता कार्यशाला में लोगों से अंग दान के लिए अपील की गई. जानें वक्ताओं ने क्या कहा..
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Jaipur News: रक्तदान के बाद अब लोगों को जीवन दान देने के लिए अंगदान एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है,अंगदान करके इंसान दूसरे लोगों का जीवन बचा सकता है,हालांकि अधिकांश अंगदान मृत्यु के बाद ही किए जाते हैं.लेकिन कुछ अंगदान मृत्यु से पहले भी जीवित रहते हुए भी किए जा सकते हैं,जिनकी आवश्यकता अभी के दौर में सबसे अधिक मानी जाती है.वर्तमान हालातो में लोगों को किडनी लीवर की सबसे अधिक जरूरत महसूस होती है.ऐसे में लोग अंगदान करके अपनी मृत्यु के बाद दूसरे लोगों को जीवन दे सकते हैं.इसके लिए आमजन व सरकार भी लोगों को जागरूक कर रही है.
अंगदान एक महत्वपूर्ण दान है ऐसे में लोग अपनी मृत्यु के बाद अंगदान करें.इसके लिए राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि विभाग में छात्र-छात्राओं को अंगदान करने के लिए जागरूक किया गया.इस जागरूकता कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने अंग ट्रांसप्लांट के स्पेशलिस्ट लोगों से सवाल जवाब कर अंगदान के फायदे व नुकसान के बारे में जानकारी ली.
कार्यशाला के मुख्य वक्ता यूरोलॉजिस्ट डॉ. एसएस यादव ने कहा कि इतने सारे लोगों को अंग की रिक्वायरमेंट रहती है और डोनेशन दर बहुत कम है.उसको कैसे हम समाहित कर सकते हैं.इसके लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है.डोनेशन से क्या-क्या फायदे होते हैं,उसके लिए जानकारी दिए डॉ. एसएस यादव ने बताया कि डोनेशन के बाद सक्सेस रेट की बात करें तो हर एक अंग की सक्सेस दर अलग-अलग होती है, 75% तक किडनी सक्सेसफुल होती है.
RUSH के HOD डॉ लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि के ऑर्गन डोनेशन के लिए जो गवर्मेंट ऑफ इंडिया प्रयास कर रही है उसे पहल से लोग जुड़े और ज्यादा से ज्यादा लोग अंग डोनेट करें,जिससे कि अंग की कमी से होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके,डॉ. लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि जिन लोगों का ब्रेन डेड हो जाता है ऐसे लोगों के अंग डोनेट किया जाए तो उसे आठ जिंदा अंग मिल जाते हैं.जिससे कि आठ अलग-अलग लोगों का जीवन बचाया जा सकता है.उसके अलावा भी व्यक्ति अपने अलग-अलग अंग को डोनेट करके इस मिशन से जुड़कर लोगों के जीवन बचा सकता है.
लोगों को अंगदान करने के लिए किया प्रेरित,
राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि विभाग की पहल,
अंगदान के लिए कार्यशाला आयोजित,
देश मे हरवर्ष होती है करीब 2 लाख किडनी की आवश्यकता,
करीब 50-50 हजार लिवर व हार्ट की,
डोनेशन का रेश्यो भारत मे बहुत कम है,
लोगों को जागरूक कर इसको बढ़ाने की जरूरत है,
ब्रेंड व्यक्ति के डोनेशन से मिलते 8 जिंदा ऑरगन,
लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि अन्य देशों की तुलना में अगर में देखा जाए तो डोनेशन का रेशियो भारत बहुत कम है,भारत में देखा जाए तो हर साल तकरीबन 2 लाख लोगों को किडनी की जरूरत होती है,जबकि किडनी डोनेशन की बात की जाए तो साल के 10 से 20 हजार किडनी डोनेशन होते हैं और ऐसे ही हार्ट व लीवर या अन्य ऑर्गन्स की स्थिति है जो कि तकरीबन हर साल 50 हजार से अधिक की जरूरत लोगों को पड़ती है.
इसलिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं.लोकेंद्र शर्मा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए जो प्रयास किया जा रहे हैं वह वर्तमान समय में लोगों के लिए ना काफी है.ऐसे में जागरूकता की इस पहल को युद्ध स्तर पर लाना होगा,तब ही लोगों में डोनेशन के लिए जागरूकता बढ़ेगी,जिससे कि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके.
रिपोर्टर- दिनेश तिवारी