Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान में खामोश मतदाता ने EVM पर बटन दबाकर तोड़ी चुप्पी, 4 जून को तस्वीर होगी साफ
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Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान में खामोश मतदाता ने EVM पर बटन दबाकर तोड़ी चुप्पी, 4 जून को तस्वीर होगी साफ

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में मतदाताओ का उत्साह मौसम की तरह बदल गया. 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले जयपुर की दो संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत लुढ़क गया. आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक खामोश रहे मतदाता ने शुक्रवार को ईवीएम के सामने अपनी चुप्पी तोड़ी और अपना फैसला सुना दिया. इसी के साथ जयपुर ग्रामीण के 15 और जयपुर शहर के 13 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है.

Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान में खामोश मतदाता ने EVM पर बटन दबाकर तोड़ी चुप्पी, 4 जून को तस्वीर होगी साफ

Rajasthan Lok sabha Election 2024 : जयपुर जिले की जयपुर शहर लोकसभा और जयपुर ग्रामीण सीट पर लोकतंत्र के महापर्व में मिली-जुली हिस्सेदारी की. नव मतदाताओं में भी जहां उत्साह का संचार नजर नहीं आया. वहीं बाकी का वर्ग का मतदाता भी मतदान को लेकर थोड़ा उदासीन नजर आया.

शहर से लेकर गांव तक यही हालात दिखाई दिए. इक्का-दुक्का जगहों पर तो नाराजगी का आलम यह रहा कि बहिष्कार तक की नौबत आई. अफसरों के हाथ-पांव फूले, समझाइश की. लोग माने तो सही, लेकिन मतदान को लेकर उत्साह का संचार नहीं हो सका. इसका साफ असर मतदान के प्रतिशत पर पड़ा.

जब पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार दोनों संसदीय सीटो पर वोटिंग प्रतिशत घट गया. इसको लेकर पूरे जयपुर में ही जहां चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. दूसरी ओर कम मतदान प्रतिशत ने दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के गुणा-भाग पर भी असर डाला है.

मतदाताओं के रुके कदम, मतदान प्रतिशत की रुकी रफ्तार

लोकसभा चुनाव में मतदाताओ का उत्साह मौसम की तरह बदल गया. 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले जयपुर की दो संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत लुढ़क गया. आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक खामोश रहे मतदाता ने शुक्रवार को ईवीएम के सामने अपनी चुप्पी तोड़ी और अपना फैसला सुना दिया. इसी के साथ जयपुर ग्रामीण के 15 और जयपुर शहर के 13 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है.

मतदाताओं ने किसे अपना नया सांसद चुना है. इस रहस्य से पर्दा 4 जून को उठेगा. जयपुर जिले की दो लोकसभा सीट पर हुए वोटिंग की रिपोर्ट देखे तो जयपुर शहर में इस बार 63.99 फीसदी वोट डले. जबकि साल 2019 में वोटिंग 68.48 फीसदी रही. यानी कि जयपुर शहर 5 साल में 4.49 मतदान घट गया. वहीं जयपुर ग्रामीण सीट पर इस बार वोटिंग 57.64 फीसदी रहा. जबकि साल 2019 में 65.54 फीसदी वोटिंग हुई थी.

यानी कि इस सीट पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बजाय 7.90 फीसदी कम हुआ। पहली बार वोट डालने वाले वाटर्स की बात करें तो जयपुर की दोनों ही सीटों पर इस एजग्रुप (18 से 19 साल) के वोटर्स में वोटिंग के प्रति रूझान कम रहा. यही कारण रहा कि इस एजग्रुप का वोटिंग प्रतिशत दोनों ही सीटों पर कुल 56.62 फीसदी ही रहा.

जयपुर ग्रामीण और शहर में महिलाओं से ज्यादा पुरुषों ने की वोटिंग

जयपुर जिला निर्वाचन की रिपोर्ट के अनुसार पुरूष और महिला वोटिंग की तुलना करें तो जयपुर ग्रामीण और जयपुर शहर दोनाें ही सीटों पर महिलाओं की तुलना में पुरूषों ने ज्यादा वोटिंग की. जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर वोटिंग में पुरूषों का वोटिंग प्रतिशत 57.82 फीसदी रहा.

जबकि महिला वोटिंग प्रतिशत 55.46 और थर्ड जेंडर का वोटिंग प्रतिशत 87.50 फीसदी रहा. जयपुर ग्रामीण सीट पर कुल 11 लाख 45 हजार 432 पुरूष वोटर्स में से 6 लाख 62 हजार 249 ने ही वोट डाले. जबकि 10 लाख 39 हजार 538 महिला वोटर्स में से 5 लाख 76 हजार 562 ने ही वोट डाला. वहीं जयपुर शहर सीट पर पुरूष वोटिंग प्रतिशत 65.75 फीसदी रहा.

जबकि महिला वोटिंग प्रतिशत 60.79 फीसदी और थर्ड जेंडर का वोटिंग प्रतिशत 45 फीसदी रहा। जयपुर शहर में कुल 11 लाख 90 हजार 806 पुरूष वोटर्स में से 7 लाख 82 हजार 989 ने वोट डाले. जबकि 10 लाख 96 हजार 464 महिला वोटर्स में से 6 लाख 66 हजार 587 महिलाएं ही बूथ पर वोटिंग के लिए पहुंची.

 

जयपुर ग्रामीण की दो विधानसभा में महिलाएं रही पुरुषों से मतदान में आगे

विधानसभावार स्थिति देखे तो विराटनगर और फुलेरा ऐसी विधानसभा है जहां महिलाएं वोटिंग करने में पुरूषों से आगे रही. विराटनगर क्षेत्र में पुरूष का पोलिंग प्रतिशत 52.89 फीसदी, जबकि महिलाओं का 54.93 फीसदी रहा. वहीं फुलेरा में पुरूष पोलिंग प्रतिशत 59.23 फीसदी, जबकि महिलाओं का पोलिंग प्रतिशत 59.38 फीसदी रहा. इधर ज​​​​​​​यपुर शहर लोकसभा सीट पर विधानसभावार स्थिति देखे तो यहां महिलाओं का पोलिंग प्रतिशत पुरूषों की तुलना में हर विधानसभा क्षेत्र में कम रहा.

 

जयपुर ग्रामीण में सबसे कम और सबसे ज्यादा वोटिंग वाले बूथ

 

जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण की रिपोर्ट देखे तो विधानसभा क्षेत्र बानसूर और सांगानेर ऐसे एरिया है जहां के बूथों पर सबसे कम और सबसे ज्यादा वोटिंग हुई. जयपुर ग्रामीण सीट पर सभी 8 विधानसभा क्षेत्र में बूथवार पोलिंग स्थिति देखे तो सबसे ज्यादा पोलिंग बानसून विधानसभा एरिया के पोलिंग बूथ नंबर 178 पर हुई. गर्वमेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल, लालपुरा में बने इस बूथ पर 87.25 फीसदी वोटिंग हुई, जबकि सबसे कम वोटिंग भी बानसूर एरिया में ही हुई. यहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नाथूसर में बने बूथ संख्या 161 पर केवल 24.68 फीसदी वोटिंग हुई.

 

जयपुर शहर में सबसे कम और सबसे ज्यादा वोटिंग वाले बूथ

इसी तरह जयपुर शहर लोकसभा सीट के सभी 8 विधानसभा एरिया की रिपोर्ट देखे तो सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में दो बूथ ऐसे रहे, जहां पोलिंग प्रतिशत सभी बूथों में सबसे कम और सबसे ज्यादा रहा. सांगानेर विधानसभा के मांग्यावास स्थित गर्वमेंट सीनियर सैकेण्डरी स्कूल बूथ संख्या 23 पर सर्वाधिक 89.16 फीसदी वोटिंग हुई, जबकि सबसे कम भी सांगानेर क्षेत्र की हाज्यावाला स्थित महात्मा गांधी सरकारी स्कूल के बूथ संख्या 67 पर रही, जहां पोलिंग प्रतिशत 25.36 फीसदी ही रहा.

फर्स्ट टाइम वोटर्स का भी मतदान में रूझान कम

जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण में पहली बार वोट डालने वालों का रूझान भी वोटिंग के प्रति कम ही देखने को मिला. जयपुर शहर में मौजूद सभी फर्स्ट टाइम वोटर्स (18 से 19 साल की एजग्रुप के) 59,172 में से 36,941 (62.42 फीसदी) वोटर्स ने वोट डाला. वहीं जयपुर ग्रामीण में इस एजग्रुप के कुल 69,283 वोटर्स में से 35,795 वोटर्स (51.66 फीसदी) ने ही वोट डाले.

बहरहाल, इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत ने प्रत्याशियों को ही नहीं बल्कि खुद पार्टी के नेताओं को भी उलझा दिया है. इसमें सबसे बड़ा कारण यह भी है कि निर्वाचन शाखा और प्रमुख दोनों दलों की ओर से की कोशिश के बाद भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ पाया.

मतदान कम होने का असर हार-जीत के आंकड़े में भी अंतर नजर आना तय है. मतदान प्रतिशत सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं है. कम मतदान प्रतिशत से किसके दिल्ली जाने की राह आसान हुई, यह तस्वीर तो चार जून को साफ होगी.

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