राहुल गांधी का करीबी है साकेत गोखले, राम मंदिर भूमि पूजन के खिलाफ HC में डाली याचिका
Advertisement
trendingNow1716876

राहुल गांधी का करीबी है साकेत गोखले, राम मंदिर भूमि पूजन के खिलाफ HC में डाली याचिका

ZEE NEWS के साथ बातचीत में साकेत गोखले ने भूमि पूजन को कोविड-19 के अनलॉक-2 की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया.

राहुल गांधी का करीबी है साकेत गोखले, राम मंदिर भूमि पूजन के खिलाफ HC में डाली याचिका

नई दिल्ली: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल करने वाले साकेत गोखले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के करीबी हैं. साकेत की कई तस्वीरें भी राहुल गांधी के साथ हैं. साकेत गोखले ने राहुल गांधी के कई ट्वीट भी रिट्वीट किए हैं.

  1. साकेत गोखले ने राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की है
  2. साकेत गोखले ने पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया
  3. 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल होंगे

बताया जा रहा है कि साकेत गोखले ने राहुल गांधी के इशारे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके भूमि पूजन रोकने की मांग की है. 5 अगस्त प्रधानमंत्री मोदी भूमि पूजन के लिए अयोध्या जाने वाले हैं.

ZEE NEWS के साथ बातचीत में साकेत गोखले ने भूमि पूजन को कोविड-19 के अनलॉक-2 की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया. अपनी याचिका में भी साकेत गोखले ने यही कहा है. साकेत ने याचिका के जरिए मांग की है कि भूमि पूजन में तीन सौ लोग इकट्ठा होंगे जो कि कोविड के नियमों के खिलाफ होगा.

ये भी पढ़े- चीन को झटका! मोदी सरकार ने खरीद के नियमों को बदला, ऐसे होगा पड़ोसी मुल्क को नुकसान

साकेत गोखले ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पीआईएल भेजी है. साकेत ने लेटर पिटीशन के जरिए भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि भूमि पूजन कार्यक्रम होने से कोरोना के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा, यूपी सरकार केंद्र की गाइडलाइन में छूट नहीं दे सकती है.

साकेत गोखले ने ZEE NEWS से बातचीत के दौरान खुद को बीजेपी विरोधी बताया है. हालांकि पहले वो खुद को निष्पक्ष बता रहे थे. साकेत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी किया.

हालांकि लेटर पिटीशन को अभी तक चीफ जस्टिस ने सुनवाई के लिए मंजूर नहीं किया है. पिटीशन में राम मंदिर ट्रस्ट के साथ ही केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है.

VIDEO

Trending news