सुप्रीम कोर्ट ने केरल के दो मंदिरों को ‘त्रिच्चूर पूरम’ के दौरान आतिशबाजी की दी अनुमति
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सुप्रीम कोर्ट ने केरल के दो मंदिरों को ‘त्रिच्चूर पूरम’ के दौरान आतिशबाजी की दी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) को मंदिर द्वारा आवेदन देने की तारीख के तीन दिन के अंदर आतिशबाजी की मंजूरी देने का निर्देश दिया.

 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केरल के दो मंदिरों-- तिरूवम्बदी देवस्वओम और परमक्केवायु देवस्वओम को ‘त्रिच्चूर पूरम’ उत्सव के दौरान आतिशबाजी करने की अनुमति दे दी. यह वार्षिक उत्सव इस साल 7-14 मई के दौरान होगा. यह त्यौहार वर्ष 1798 से मनाया जा रहा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) को मंदिर द्वारा आवेदन देने की तारीख के तीन दिन के अंदर आतिशबाजी की मंजूरी देने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एम शांतनगौडर और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि आतिशबाजी का प्रदर्शन इस उत्सव का अभिन्न हिस्सा रहा है.

पीठ ने कहा, ‘अतएव, हमें कोई कारण नजर नहीं आता कि इस उत्सव भावना को क्यों रोका जाए. ऐसा जान पड़ता है कि आवेदक मंदिर अपने लाइसेंसों के माध्यम से पटाखे बनवाते हैं. वे पेसो से मिली लिखित मंजूरी के अनुसार ऐसा कर सकते हैं और पेसो नया फार्मूला बता सकता है जिसे पटाखों को बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है. ’

शीर्ष अदालत ने केंद्र को भी पेसो के फार्मूला बनाने के बाद हरित पटाखों की संरचना को मंजूरी देने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने पिछले साल यह कहते हुए संयुक्त पटाखों (सीरीज पटाखे या लड़ियों) के विनिर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी कि इससे वायु, ध्वनि प्रदूषण होता है और ठोस अपशिष्ट की समस्या खड़ी होती है.

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