CAA पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद बोले, 'मोदी सरकार ने पूरा किया नेहरू-गांधी का वादा'
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CAA पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद बोले, 'मोदी सरकार ने पूरा किया नेहरू-गांधी का वादा'

केरल के राज्यपाल ने कहा, कानून की नींव 1985 और 2003 में कांग्रेस ने रखी थी. मोदी सरकार ने इसे कानूनी रूप दिया है.

आरिफ मोहम्मद ने कहा कि कांग्रेस ने 1958- 2003 में ही नागरिकता कानून लाने का वादा किया था. (फाइल फोटो)

तिरुवनंतपुरम: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उस वादे को पूरा किया है जो महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस ने पाकिस्तान में दयनीय जीवन व्यतीत करने वाले लोगों से किया था. राज्यपाल ने कहा कि अधिनियम की नींव 1985 और 2003 में रखी गई थी. मोदी सरकार ने इसे कानूनी रूप दिया है.

नागरिकता संशोधन कानून में मुसलमान शरणार्थियों को जगह न मिलने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा, ''पाकिस्तान को एक मुस्लिम राष्ट्र के रूप में बनाया गया था, तो ऐसे में क्या वे वहां मुसलमानों को सताएंगे? हम मानते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान आए थे, लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें सताया गया बल्कि आर्थिक अवसरों की तलाश में आए थे.''

बता दें पूर्वोत्तर के राज्यों समेत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत केरल में भी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. राज्यपाल खान को भी बीत दिनों विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस की युवा शाखा और छात्रों ने राज्य की राजधानी में उनके आधिकारिक निवास पर प्रदर्शन किया.

भाजपा और उसके संगठनों को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक दलों ने सीएए का विरोध किया है और काफी जगहों पर तो नेता से लेकर छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. राज्य में कई स्थानों पर ट्रेनों को रोक दिया गया. मालूम हो कि केरल की 3.3 करोड़ आबादी में से मुसलमानों की संख्या लगभग 20 फीसदी और ईसाइयों की संख्या 18 फीसदी है.

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