जम्‍मू-कश्‍मीर: 35A, 370 खत्‍म करने की क्‍यों हो रही मांग? केवल प्‍वाइंट्स में पढ़ें
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जम्‍मू-कश्‍मीर: 35A, 370 खत्‍म करने की क्‍यों हो रही मांग? केवल प्‍वाइंट्स में पढ़ें

माना जा रहा है कि कश्मीर पर कैबिनेट अहम फ़ैसला ले सकती है. इस संदर्भ में कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 35A और 370 के बारे में सबसे ज्‍यादा चर्चा हो रही है.

जम्‍मू-कश्‍मीर: 35A, 370 खत्‍म करने की क्‍यों हो रही मांग? केवल प्‍वाइंट्स में पढ़ें

नई दिल्‍ली: कैबिनेट की अहम बैठक आज सुबह 9.30 बजे पीएम मोदी आवास पर होगी. माना जा रहा है कि कश्मीर पर कैबिनेट अहम फ़ैसला ले सकती है. इस संदर्भ में कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 35A और 370 के बारे में सबसे ज्‍यादा चर्चा हो रही है. ऐसे में आइए बिंदुवार जानते हैं कि इन अनुच्‍छेदों का आशय क्‍या है? इनको हटाने की मांग क्‍यों हो रही है?

अनुच्छेद 35A?
1. 35A राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1954 को लागू किया
2. तत्कालीन सरकार ने धारा 370 की ताकत इस्तेमाल की थी
3. जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35A, धारा 370 का हिस्सा है
4. राष्ट्रपति से पास होने के बाद संविधान में इसे जोड़ दिया गया
5. जम्मू कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोग संपत्ति नहीं खरीद सकते
6. 14 मई 1954 को राज्य में रहने वाले लोग ही वहां के नागरिक माने गए. 1954 से 10 साल पहले से रहने वाले लोगों को नागरिक माना गया.
7. J&K की लड़की के बाहरी से शादी करने पर राज्‍य की नागरिकता से जुड़े अधिकार खत्म हो जाते हैं. शादी करने पर लड़की के बच्चों के भी जम्‍मू-कश्‍मीर में अधिकार नहीं माने जाते.

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35A हटाने की मांग क्यों?
1. इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया है
2. इस अनुच्छेद की वजह से शरणार्थी अधिकार से वंचित हैं
3. पाक के शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर की नागरिकता नहीं
4. इनमें 80 फीसदी लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय के हैं
5. जम्मू कश्मीर में शादी करने वाली महिलाओं से भेदभाव जारी
6. भारतीय नागरिकों के साथ जम्मू कश्मीर में भेदभाव होता है
7. जम्मू कश्मीर में संविधान से मिले अधिकार खत्म हो जाते हैं
8. संविधान सभा से संसद की कार्यवाही तक बिल का जिक्र नहीं
9. अनुच्छेद 35A के लिए संविधान संशोधन लाने का भी जिक्र नहीं

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धारा 370 पर विवाद क्यों?
1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग
2. J&K में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है
3. देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं
4. संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है
4. रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र के कानून J&K पर लागू नहीं होते
5. केंद्र का कानून लागू करने के लिये J&K विधानसभा से सहमति ज़रूरी
6. वित्तीय आपातकाल के लिये संविधान की धारा 360 J&K पर लागू नहीं
7. धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते
8. कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता
9. जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है.
10. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं, 6 वर्ष होता है.

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