Stray Dogs Problem: आवारा कुत्तों से जुड़े नियमों में लापरवाही पड़ेगी भारी, दिल्ली हाईकोर्ट का एमसीडी को सख्त निर्देश
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Stray Dogs Problem: आवारा कुत्तों से जुड़े नियमों में लापरवाही पड़ेगी भारी, दिल्ली हाईकोर्ट का एमसीडी को सख्त निर्देश

Stray dogs problem in India: केंद्र ने आवारा कुत्तों के हमले को लेकर हाल ही में लोकसभा में जवाब पेश किया था. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2020 में आवारा कुत्तों के काटने की संख्या 4.31 लाख थी. 2021 में यह 1.92 लाख और 2022 में 1.69 लाख हो गई. 

Stray Dogs Problem: आवारा कुत्तों से जुड़े नियमों में लापरवाही पड़ेगी भारी, दिल्ली हाईकोर्ट का एमसीडी को सख्त निर्देश

Stray dogs problem in Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे विशेष मौकों पर आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने से संबंधित सभी प्रावधानों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. बुधवार को जारी आदेश अनिता सेंटियागो नामक महिला की जनहित याचिका पर आया है, जिन्होंने ऐसे मौकों पर पकड़े गए कुत्तों को छोड़ने और पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के अनुसार उनकी देखभाल के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था.

याचिकाकर्ता ने एबीसी नियमों के आदेश पर प्रकाश डाला कि उचित रिकॉर्ड रखने के लिए पकड़ने के तुरंत बाद कुत्तों की पहचान, नंबर वाले ‘कॉलर’ से की जानी चाहिए ताकि बाद में उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जा सके जहां से उन्हें पकड़ा गया था. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के वकील ने कहा कि निगम एबीसी नियमों का पालन कर रहा है और जहां तक G-20 शिखर सम्मेलन का सवाल है, पकड़े गए आवारा जानवरों को छोड़ने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

आवारा कुत्तों के आतंक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट रूम में बातचीत के दौरान सीनियर एडवोकेट ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से कहा कि सड़क पर कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए. दरअसल, एक केस की सुनवाई के चीफ जस्टिस की बेंच में आवारा कुत्तों के हमले का जिक्र हुआ था. इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि ये पूरे देश की समस्या बनती जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि रेबीज का मामला गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों के आतंक पर सामान्य बातचीत के बाद माना जा रहा है कि इसके एक्शन प्लान को लेकर जल्द सुनवाई हो सकती है. गौरतलब है कि 2016 में भी आवारा कुत्तों का मामला सुप्रीम कोर्ट गया था. उस वक्त कोर्ट ने नसबंदी को लेकर पशु कल्याण बोर्ड को जरूरी निर्देश दिए थे.

क्या कहते हैं आंकड़े?

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे 19 लोग आवारा कुत्तों की चपेट में आ जाते हैं. तमिलनाडु और महाराष्ट्र में कुत्तों के हमले के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं. रेबीज से मरने वालों का आंकड़ा भी बढा है. 2022 में रेबीज से भारत में 342 लोगों की मौत हुई थी. 2022 में दिल्ली में 48, पश्चिम बंगाल में 38 , महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र में 29-29 मौत के मामले दर्ज हुए थे.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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