तोरी पित्त, सांस संबंधी रोगों, बुखार, खांसी और पेट के कीड़ों को दूर करने में लाभकारी है. तोरी खाने से कब्ज नहीं होता और पेट भी साफ रहता है.
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नई दिल्ली: आमतौर पर तोरी का नाम आते ही आज का युवा वर्ग नाक-भौंह सिकोड़ने लगते हैं, जबकि यह काफी पौष्टिक हरी सब्जी है. यूं तो सभी डॉक्टर हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं, लेकिन आमतौर पर बच्चे तोरी का नाम सुनकर ही मुंह बनाने लगते हैं. बता दें कि हरी सब्जियों में कई पोषक तत्व होते हैं. तोरी हमारे शरीर में रक्त के निर्माण के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है. वैसे भी गर्मियों में हरी सब्जियों की जरुरत अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होती है क्यूंकि गर्मी के दिनों में हमारे शरीर से पसीना और नमक निकलता रहना है इस वजह से रक्त की कमी भी अन्य मौसम की तुलना में ज्यादा हो सकती है. ऐसे में पानी वाली हरी सब्जियां सबसे अच्छी रहती हैं.
तोरी पित्त, सांस संबंधी रोगों, बुखार, खांसी और पेट के कीड़ों को दूर करने में लाभकारी है. तोरी खाने से कब्ज नहीं होता और पेट भी साफ रहता है.
तोरी की सब्जी बनाने की सामग्री
तोरी- आधा किलो
प्याज- डेढ़ सौ ग्राम
1 छोटा चम्मच हल्दी
1 चम्मच जीरा पाउडर
चुटकी भर साबुत जीरा
1 चम्मच काली मिर्च
1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
1 हरी मिर्च
50 ग्राम काले चने (भीगे हुए)
नमक स्वादानुसार
तोरी की सब्जी बनाने की विधि
तोरी को अच्छी तरह से धो लें. अब तोरी को बारीक काट लें. कढ़ाही को गैस पर गर्म करें. कढ़ाही में कुकिंग ऑयल डालें. तेल गर्म होने पर इसमें साबुत जीरा और बारीक कटी हुई हरी मिर्च डालें. इसके बाद इसमें बारीक कटा हुआ प्याज डालें. प्याज को धीमी आंच पर हल्का भूरा होने तक भूनें. इसके बाद इसमें कटी हुई तोरी और भीगा हुआ चना डालें. अब इसे ढक दें. 3 से 4 मिनट तक इसे पकने दें. इसके बाद इसमें हल्दी, पिसा हुआ धनिया, स्वादानुसार नमक डालकर फिर से ढक दें. करीब 10 मिनट पकने के बाद इसमें काली मिर्च और जीरा पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं. अब इसे फिर से ढककर अच्छी तरह से पकने दें. गैस की आंच इतनी ही रखें कि तोरी का पानी ना सूखे. 10 मिनट बाद गैस बंद कर दें. तोरी की स्वादिष्ट सब्जी तैयार है. अब इसे धनिया पत्ती से गार्निश करें. (भूलकर भी इस सब्जी में पानी ना डालें).