असेंबली में अपनी ही सरकार के स्पीकर पर भड़क गए CM नीतीश कुमार, जानें क्या है मामला
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असेंबली में अपनी ही सरकार के स्पीकर पर भड़क गए CM नीतीश कुमार, जानें क्या है मामला

बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय विकट स्थिति पैदा हो गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) के बीच ही तीखी नोंकझोंक हो गई.

असेंबली में अपनी ही सरकार के स्पीकर पर भड़क गए CM नीतीश कुमार, जानें क्या है मामला

पटना: बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय विकट स्थिति पैदा हो गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) के बीच ही तीखी नोंकझोंक हो गई. दोनों में बहस इस बात को लेकर हुई कि सरकार द्वारा विशेषाधिकार समिति को भेजे गए मामले को बार-बार सदन में उठाया जा सकता है. 

  1. स्पीकर पर भड़क गए सीएम नीतीश कुमार
  2. 'कृप्या इस तरह सदन को न चलाएं'
  3. स्पीकर का जवाब, 'मैं सदन का संरक्षक'

स्पीकर पर भड़क गए सीएम नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री (Nitish Kumar) ने अपना आक्रोश तब व्यक्त किया ,जब स्पीकर ने कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र यादव से सदन को कुछ दिनों के बाद यह बताने को कहा कि लखीसराय में एक घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई. लखीसराय विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) का विधानसभा क्षेत्र भी है. 

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा, 'मंत्री को सरकार की ओर से जवाब देने के लिए अधिकृत किया गया है. जब उन्होंने बताया है कि जांच चल रही है, तो आप उन्हें परसों एक नए उत्तर के साथ आने के लिए कहते हैं. यह नियमों के खिलाफ है. कृपया संविधान देखें.' 

'कृप्या इस तरह सदन को न चलाएं'

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करना सरकार और पुलिस का काम है. उन्होंने यह भी बताया कि जांच की रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की जानी है. कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'क्या सदन को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार है? मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर रहा हूं. मैं भी एक बार विधानसभा का सदस्य था. मैंने ऐसी प्रक्रियात्मक विसंगति कभी नहीं देखी. कृपया इस तरह से सदन न चलाएं.' 

स्पीकर का जवाब, 'मैं सदन का संरक्षक'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के गुस्से को शांत करते हुए स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का समर्थन ही था, जिसने उन्हें इस पद पर पहुंचने में मेरी मदद की. इसी के साथ उन्होंने अनुरोध किया, 'कृपया मेरी मुश्किल स्थिति को समझें. विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने के बाद शुरू में मैंने इस मामले में कोई चर्चा नहीं करने की कोशिश की थी. लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने बार-बार हंगामा किया. आखिरकार, मुझे सदन का संरक्षक माना जाता है.'

विधानसभा अध्यक्ष के यह कहने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से अपने स्थान पर खड़े हुए और कहा, 'मैं इस मामले में हुई प्रगति के बारे में पता करूंगा. समिति ने जो भी सिफारिशें की हैं, उस पर सरकार गौर करेगी. लेकिन इस मामले पर बार-बार सदन के पटल पर चर्चा नहीं होनी चाहिए.' 

सरकार से नाराज चल रहे स्पीकर

सदन की विशेषाधिकार समिति ने डीजीपी को विधानसभा अध्यक्ष के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर लखीसराय के एक पुलिस उपाधीक्षक और संबंधित थाने के प्रभारी के खिलाफ जांच कराने का निर्देश दिया गया था. इससे पहले भी लखीसराय में शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में कई लोगों की कथित रूप से गलत तरीके से हुई गिरफ्तारी पर विजय कुमार सिन्हा ने गुस्सा जताया था. 

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क्या जेडीयू और बीजेपी में आ रही खटास

अब लखीसराय मामले में जांच को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच नोकझोंक को कुछ लोग JDU और बीजेपी के बीच संबंधों के तनावपूर्ण होने के रूप में भी देखे रहे हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि बिहार में JDU और बीजेपी मिलकर सरकार चला रही हैं. बिहार में सरकार का नेतृत्व जहां JDU के लीडर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कर रहे हैं. जबकि सदन के स्पीकर बीजेपी के विधायक विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) हैं. 

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