मुख्तार अंसारी के करीबी के अस्पताल पर योगी की JCB, नहीं काम आई कोई अर्जी
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मुख्तार अंसारी के करीबी के अस्पताल पर योगी की JCB, नहीं काम आई कोई अर्जी

 डीएम कोर्ट ने एक दिन सुनवाई टालने के बाद शुक्रवार को एनजीटी के नोटिस पर राहत मांगने वाली अपील को खारिज कर दिया. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. 

मुख्तार अंसारी के करीबी के अस्पताल पर योगी की JCB, नहीं काम आई कोई अर्जी

गाजीपुर: जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र में हमीद सेतु के पास गंगा के किनारे बनाए गए शम्मे हुसैनी अस्पताल पर आखिरकार प्रशासन का बुलडोजर चल गया. शुक्रवार को डीएम कोर्ट में सुनवाई के बाद बोर्ड ने अस्पातल की अपील को खारिज कर दिया. अपील खारिज होते ही भारी फोर्स के साथ एडीएम के नेतृत्व में शम्मे हुसैनी अस्पताल को गिराया गया. ये अस्पताल डॉक्टर आजम सिद्दीकी और डॉक्टर साजिद का है. ये दोनों ही मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते हैं. 

क्या है पूरा मामला?
मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी व बेटों के नाम से संचालित गजल होटल और गंगा किनारे बने शम्मे हुसैनी हास्पिटल के ध्वस्तीकरण का आदेश 15 दिन पहले एसडीएम कोर्ट ने दिया था. इस आदेश के बाद मामले में हाईकोर्ट में अपील की थी.  हाईकोर्ट ने इस पर डीएम कोर्ट में वाद दाखिल करने का आदेश जारी किया था. शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल के संचालक ने डीएम कोर्ट में अपील भी की. कोर्ट ने एक दिन सुनवाई टालने के बाद शुक्रवार को एनजीटी के नोटिस पर राहत मांगने वाली अपील को खारिज कर दिया. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. 

अब योगी के विधायक भी बोले, 'मां, पत्नी, बहन बाहर निकलती हैं तो लगी रहती है सुरक्षा की चिंता'

अस्पताल बनाने में हुई मानकों की अनदेखी
योगी सरकार ने माफिया और भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखी है.  इसी सिलसिले में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबियों में शुमार डॉक्टर आजम और साजिद सिद्दीकी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने अवैध रूप से बने शम्मे हुसैनी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर को ध्वस्त कर दिया. अवैध रूप से बनाये गए शम्मे हुसैनी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर पर एसडीएम की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बताया था कि अस्पताल के निर्माण में एनजीटी- मास्टर प्लान की अनदेखी की गई है. डीएम कोर्ट में मामला जाने के बाद 8 सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया था. एनजीटी, मास्टर प्लान, पीडब्ल्यूडी नगरपालिका, जिला पंचायत, जलनिगम समेत 8 विभागों ने डीएम की कोर्ट में अपनी अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. जिसपर सुनवाई करते हुए डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने मानक के विपरीत अस्पताल व ट्रामा सेंटर बनाये जाने पर ध्वस्तीकरण का निर्देश दे दिया.

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