पुणेः मृत मां का शव छोड़ कराया बहू का 'वर्जिनिटी टेस्ट', फिर किया अंतिम संस्कार
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पुणेः मृत मां का शव छोड़ कराया बहू का 'वर्जिनिटी टेस्ट', फिर किया अंतिम संस्कार

दोनों नव वधुओं का पहले तो वर्जिन टेस्ट लिया गया, जब उनके पति ने अपने माता पिता को यह बताया कि हमारी पत्नियां वर्जिन हैं इसके बाद ही उन्हें स्वीकार किया गया

पुणे के कोरेगाव इलाके में कांजारभाट समाज में 21 जनवरी 2019 को दो शादीयां हुई थी. (प्रतीकात्मक फोटो)

सुस्मिता भदाने/पुणेः पुणे के कांजरभाट समाज में फिर से एक बार दो नई वधुओं की वर्जिनिटी टेस्ट का मामला सामने आया है. ससुराल की तरफ से किए गए इस तरह के काम की पुलिस से शिकायत की गई है, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है. आपको बता दें कि कांजरभाट समाज में सुहागरात से पहले नव वधुओं का वर्जिनिटी टेस्ट होता है. इस समाज में यह प्रथा सालों से चली आ रही है. समाज की इस कु प्रथा के खिलाफ अब समाज का युवावर्ग और महाराष्ट्र के महिला संघटन ने मुहिम छेड़ी है. सोशल मीडिया पर भी यह प्रथा रोकने के लिए स्टॉप द वी रिच्युअल नाम का कैम्पेन शुरू किया गया है. 

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पुणे के कोरेगाव इलाके में कांजारभाट समाज में 21 जनवरी 2019 को दो शादीयां हुई थी. जिसमें श्रुतेश मिणेकर की नेहा गागड़े और आरती मिणेकर की नितीन मछले के साथ शादी हुई थी. 21 जनवरी को इन दोनो नव वधुओं का वर्जिनिटी टेस्ट लिया गया. कांजारभाट समाज में वर्जिनिटी टेस्ट के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाले कृष्णा इंद्रेकर ने बताया की "दोनों नव विवाहिता का पहले तो वर्जिन टेस्ट लिया गया फिर इसके बाद जब उनके पति ने अपने माता पिता को यह बता दिया कि हमारी पत्नियां वर्जिन हैं इसके बाद ही घर वालों ने उन्हें स्वीकार किया . दोनों महिलाओं ने इस घटना में कहा है कि यह बेहद ही अपमान जनक है हमारे लिए और अब पूरी जिंदगी इसी बेज्जती के साथ जीना पड़ेगा.

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उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ समाज में हो रहे इस तरह के भेदभाव को बंद होना चाहिए. इस पूरी घटना में सबसे आश्चर्य करने वाली बात यह है कि शादी करने वाले दोनो दम्पति पढ़े लिखे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने यह कदम अपनी इच्छा से नहीं उठाया बल्कि इसके लिए उन पर सामाजिक दबाव डाला जा रहा था. समाज के दबाब के कारण ही उनको यह टेस्ट करना पड़ा है . 

कांजरभाट समाज के लोगो की कहानी यहीं नहीं रुकती. आप एक घटना को जानकर दंग रह जाएंगे. इस समाज में एक शादी  इस तरह से हुई जिसकी हम और आप कल्पना भी नहीं कर सकते. "नितिन मछले नाम के युवक की 21 जनवरी को शादी हुई थी. लेकिन शादी के दो दिन पहले नितिन की दादी का देहांत हो गया था. नितीन के पिता प्रकाश ने अपनी मां का शव चार दिनों तक शवागार में रखा और बेटे की शादी की. बेटे के बहू की वर्जिनिटी टेस्ट की गई और उसके बाद ही मां का अंतिम संस्कार किया गया.”

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ऐसी जानकारी कृष्णा इंद्रेकर ने दी है. कांजरभाट समाज के तालिबानी रवैये की वजह से ऐसी घटनाए हो रहीं हैं. ऐसा इंद्रेकर का कहना है. एक ही महीने हुई तीन वर्जिनिटी टेस्ट की शिकायत इंद्रेकर ने कोरेगांव पुलिस स्टेशन में की है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इंद्रेकर का कहना है कि कोल्हापूर में पिछले महिने चार महिलाओं की वर्जिनिटी टेस्ट ली गई है. इस परंपरा के खिलाफ काम करने वाली महाराष्ट्र अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति की नंदिनी जाधव ने कहा कि पुणे शहर जिसे विद्या की नगरी कहा जाता उसमे यह सभी चीजे हो रही है. यह खाफी खेदजनक है. समाज की महिलाए जब तक इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाती तब तक कोई बदलाव नहीं होगा. 

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