National disaster for Wayanad: वायनाड की लैंडस्लाइड पर अब राजनीति तेज हो गई है. राहुल गांधी और विपक्ष इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की बात कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने एक बड़ा तर्क दिया है कि कांग्रेस ने तो खुद ही अपने 2013 कार्यकाल में राष्ट्रीय आपदा को लेकर संसद में नियम कानून बताया था फिर इस मामले में राजनीति क्यों?
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No concept of national disaster in govt rules: केरल के वायनाड में 30 जुलाई को हुई लैंडस्लाइड में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी 138 से ज्यादा लोग लापता हैं. 10 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. कई दिनों से विपक्ष वायनाड में हुई आपदा को लेकर सरकार को घेर रहा है. राहुल गांधी जो वायनाड के सांसद भी रहे वो लगातार मौजूदा बीजेपी सरकार से इस मांग को उठा रहे हैं कि वायनाड की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. हालांकि, केंद्र सरकार के नियमों में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है.
प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं
किसी भी प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा कब घोषित किया जाना चाहिए, इस मामले में कांग्रेस के कार्यकाल में ही बात हो चुकी है और कांग्रेस के नेताओं ने ही जवाब भी दिया था. साल 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने लोकसभा में राष्ट्रीय आपदा से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा था, "प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है." यानी नियम के मुताबिक, किसी भी भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है.
राज्य सरकार की जिम्मेदारी
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामचंद्रन ने अपने जवाब में तब कहा था, ''भारत सरकार आपदा की तीव्रता और परिणाम, राहत सहायता के स्तर, समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार की क्षमता और राहत प्रदान करने की योजना के विकल्पों को ध्यान में रखते हुए ही गंभीर प्रकृति की आपदा का फैसला करती है.” उन्होंने कहा, “प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में तत्काल राहत और प्रतिक्रिया सहायता प्राथमिकता है. ऐसे में कोई निश्चित नियम नहीं है. हालांकि, प्रक्रिया का पालन करने के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त सहायता पर भी विचार किया जाता है.” रामचंद्रन ने लोकसभा में 2013 में दिए जवाब में यह भी बताया था कि प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आवश्यक बचाव और राहत उपाय करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकार की होती है.
कांग्रेस की मांग- वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करो
कांग्रेस पार्टी बार-बार वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रही है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के वायनाड दौरे से पहले एक पोस्ट भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री का वायनाड का दौरा करने पर आभार व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, “व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने वायनाड जाने के लिए आपका धन्यवाद, मोदी जी. ये एक अच्छा फैसला है. मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से तबाही देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे.”
Thank you, Modi ji, for visiting Wayanad to personally take stock of the terrible tragedy. This is a good decision.
I am confident that once the Prime Minister sees the extent of the devastation firsthand, he will declare it a national disaster.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 9, 2024
बीजेपी का आरोप- राहुल गांधी कर रहे राजनीति
वहीं, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर इस त्रासदी का राजनीतिकरण करने और राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया. भाजपा नेता अनिल एंटनी ने कहा कि राहुल कई वर्षों से सांसद हैं और विपक्ष के नेता भी हैं, लेकिन वे त्रासदी पर राजनीतिक लाभ लेने पर तुले हुए हैं.”
पीएएम मोदी कर रहे वायनाड का दौरा
पीएम मोदी भूस्खलन प्रभावित वायनाड में हालात का जायजा ले रहे हैं. वायनाड में हवाई दौरे के साथ घटनास्थल पर भी जाएंगे, जिसके बाद एक बैठकें करके नुकसान की समीक्षा करेंगे. अब राहुल गांधी की माग कितनी जायज है और आपदा को लेकर नया नियम क्या होगा, यह समम बताएगा.