Budhadev Bhattacharya news: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है. बंगाल की राजनीति के पुरोधा रहे भट्टाचार्या के निधन के बाद उनके चाहने वाले दुख में हैं और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
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Budhadev Bhattacharya passes away: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का निधन हो गया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने यह जानकारी दी. उनके परिवार में पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं. माकपा नेता भट्टाचार्य 2000 से 2011 तक राज्य के मुख्यमंत्री थेभट्टाचार्य ने लंबे समय तक बंगाल में शासन किया था. वह 80 साल के थे और बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे. बुढापा अपने आप में एक बीमारी होता है, इससे इतर अपनी सियासी पारी से रिटायरमेंट के बाद भी वो लंबे समय तक सक्रिय रहे. बुद्धदेव भट्टाचार्य को जुलाई महीने के आखिर में सांस की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भट्टाचार्या ने गुरुवार सुबह करीब 8.20 बजे आखिरी सांस ली. उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी, जिसकी वजह से उन्हें जुलाई में अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. वह काफी समय से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और बुढ़ापे से जुड़ी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे.
घर पर चल रहा था इलाज
उनका कोलकाता में उनके घर पर ही इलाज चल रहा था. भट्टाचार्य अपने स्वास्थ्य के कारण पिछले कुछ वर्षों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे. माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने उनके निधन पर शोक जताया है. आपको बताते चलें कि भट्टाचार्या ने साल 2015 में CPI (M) के पोलित ब्यूरो के साथ-साथ अपनी पार्टी की केंद्रीय समिति से भी इस्तीफा दे दिया था. जुलाई में सांस लेने में दिक्कत के कारण उनकी शारीरिक परेशानी अचानक बढ़ गयी थी. तब उन्हें कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य की हालत की जानकारी मिलने के बाद वुडलैंड्स से पूर्व मुख्यमंत्री के पाम एवेन्यू स्थित घर पर एंबुलेंस भेजी गई थी. चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिक्स एम्बुलेंस में पाम एवेन्यू पहुंचे और उन्हें अस्पताल लाया गया था.
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Who is Budhadev Bhattacharya: कौन हैं बुद्धदेव भट्टाचार्या?
भट्टाचार्य का जन्म एक मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में हुआ था. प्रेसीडेंसी कॉलेज से उन्होंने बंगाली लिट्रेचर की पढ़ाई के बाद बीए की डिग्री ली थी. उनका झुकाव वामपंथ की ओर था. आगे आप CPI (M) से जुड़ गए थे. शुरुआत में वो पार्टी की यूथ विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन के राज्य सचिव बनाए गए थे. अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर वो तेजी से चमके और बंगाली राजनीति के शिखर तक पहुंचे.