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नई दिल्ली: इसमें कोई शक नहीं है कि जल है तो जीवन है. इंसान हों या जानवर, पानी के बिना कोई भी अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता है. 22 मार्च को हर साल 'वर्ल्ड वॉटर डे' (World Water Day) यानी विश्व जल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. हाल के वर्षों में कई देश पानी की कमी (Water Scarcity) से जूझ रहे हैं. भारत में भी पानी के स्तर में कमी होने की बात की जा चुकी है. ऐसे में यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि पानी की बचत (Water Conservation) के लिए हम अपना योगदान दें.
यह तो हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी के 70 परसेंट भाग में पानी है, लेकिन उसमें से महज 3 परसेंट पानी ही साफ है, जो इंसानों के इस्तेमाल के लायक है. एक रिसर्च के अनुसार, चार सदस्यों वाली फैमिली रोजाना 450 लीटर (120 गैलन) पानी का यूज करती है. एक साल में यह आंकड़ा 1,64,000 लीटर (44000 गैलन) तक हो जाता है. खुद की और आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों को देखते हुए हमें पानी की सही बचत (Save Water) करना बहुत जरूरी है. अगर हम चाहें तो लाइफस्टाइल (Lifestyle) की कुछ आदतों में बदलाव करके पानी बचाने (Water Conservation Methods) में अपना योगदान दे सकते हैं.
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वॉटर कंजर्वेशन (Water Conservation) यानी जल संरक्षण बहुत जरूरी है. कई लोगों की आदत होती है कि ब्रश करने, शेविंग करने, नहाने या हैंडवॉश के दौरान नल को खुला छोड़ देते हैं. रोजाना सुबह इन जरूरी कामों के लिए बाल्टी या मग में जरूरत भर का पानी भरकर नल बंद कर देने से पानी बचाया जा सकता है. इसी तरह से गीजर ऑन करने के बाद गर्म पानी के इंतजार में ठंडे पानी को बर्बाद करने के बजाय उसे अलग बाल्टी या टब में भर लें. बाद में उस पानी को किचन या गार्डनिंग (Gardening) में यूज कर लें.
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नल और शॉवर (Shower) दो तरह के आते हैं. कम बहाव वाले ये उपकरण सस्ते होते हैं. इनका इस्तेमाल करके पानी और रुपये, दोनों को बचाया जा सकता है. नहाते समय शॉवर का यूज करते हैं तो छोटी बाथ लें. इसके लिए आप चाहें तो टाइमर भी सेट कर सकते हैं. खुद को कम समय में नहाने के लिए चैलेंज करें.
अगर आपको गार्डनिंग (Gardening) का शौक है तो पौधों को पानी देते समय कुछ बातों का ख्याल रखकर पानी बचाया जा सकता है. अपने गार्डन के सिर्फ उन्हीं हिस्सों में पानी दें, जहां वाकई जरूरत हो. अपने बगीचे में रात में पानी डालने की आदत बनाएं. रात को पानी देने से मिट्टी को भीगने के लिए ज्यादा समय मिलता है और दिन की गर्मी न होने की वजह से पानी भाप (Evaporation) भी नहीं बनती है. पानी डालने के लिए ऐसे पाइप या बर्तन का इस्तेमाल करें, जिससे पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सके.
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अगर आप अभी भी पुरानी टेक्नोलॉजी (Technology) वाली वॉशिंग मशीन (Washing Machine) का इस्तेमाल करते हैं तो उसे बदल दीजिए. दरअसल, उस वॉशिंग मशीन में कपड़ों की धुलाई के लिए 40-50 गैलन पानी का इस्तेमाल होता है. पानी बचाने के लिए नई तकनीक वाली वॉशिंग मशीन बेहतर है. फ्रंट लोडिंग मशीन (Front Loading Machine) में हर लोड के लिए 15-30 गैलन पानी का यूज होता है. बर्तन धोते समय नल को खुला न रखें. इसी तरह से वॉटर प्यूरिफायर (Water Purifier) से निकलने वाले पानी से आप सब्जी या बर्तन धो सकते हैं.