गंभीर ने पॉलिटिक्स में एंट्री के पहले दे दिए थे संकेत, इन खिलाड़ियों का है राजनीति से गहरा नाता
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गंभीर ने पॉलिटिक्स में एंट्री के पहले दे दिए थे संकेत, इन खिलाड़ियों का है राजनीति से गहरा नाता

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं.

गंभीर ने पॉलिटिक्स में एंट्री के पहले दे दिए थे संकेत, इन खिलाड़ियों का है राजनीति से गहरा नाता

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. बीजेपी नेता अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को अपने मुख्यालय में गंभीर को पार्टी की सदस्यता दिलाई. गंभीर 2011 वर्ल्ड कप और 2007 टी20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत के सूत्रधारों में रहे थे. उन्हें हाल ही में पद्मश्री से नवाजा गया है. हालांकि, बीते दिनों से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि गंभीर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) से पहले राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं, जो कि आज सच साबित हुईं.

विदित हो कि 37 साल का यह दिग्गज युवा क्रिकेटर पिछले दिनों इंटरनेशनल क्रिकेट जबत से संन्यास लेने के बाद से ही राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर काफी मुखर था. पुलवामा हमला हो या पाकिस्तान के साथ भारतीय टीम का मैच खेलना, इन सभी मसलों पर गंभीर ने खुलकर अपनी राय रखी. अपने ट्वीट और बयानों की वजह से वह लगातार मीडिया की सुर्खियों में भी थे.

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पुलवामा आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो जाने के बाद जब यह सवाल पूछा जाने लगा कि भारत को वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से खेलना चाहिए या नहीं? इस पर गौतम गंभीर ने कहा था, ''यह बीसीसीआई को तय करना है. व्यक्तिगत रूप से, पाकिस्तान के साथ नहीं खेलने में कुछ भी गलत नहीं है. मेरे लिए 2 अंक जरूरी नहीं हैं, मेरे लिए क्रिकेट खेल की तुलना में जवान अधिक महत्वपूर्ण हैं. देश पहले आता है.''

वहीं, बीते माह बीजेपी की दिल्ली इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया था कि पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर राजनीति में कदम रखने और दिल्ली से चुनाव लड़ सकने को लेकर ‘गंभीर’ हैं. उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के लिए हो रही बैठकों में गंभीर ने भाग लेना शुरू कर दिया है. इसी साल मार्च में डिफेंस कॉलोनी में रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस तरह की एक बैठक में गंभीर ने हिस्सा लिया था.’

खिलाड़ियों का है राजनीति से गहरा नाता
खिलाड़ियों का राजनीति से गहरा और पुराना नाता रहा है. राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कीर्ति आजाद और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे खिलाड़ी तो राजनीति में भी अनुभवी हो गए हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2019) में क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) और वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) जैसे नए नाम भी सामने आ सकते हैं.

ओलंपिक रजत पदक विजेता और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ( Rajyavardhan Singh Rathore) ने कहा, ‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में देश के लिए कुछ करने की ललक होती है. चाहे वे खेल के मैदान पर हों या राजनीति में. यह भाव उनके भीतर रहता है.’ 16वीं लोकसभा में राठौड़ के अलावा पूर्व क्रिकेटर आजाद (भाजपा से कांग्रेस में आए), पूर्व फुटबाल कप्तान प्रसून बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज के नारायण सिंह देव (बीजद) सदस्य थे.
डबल ट्रैप निशानेबाज राठौड़ 2017 में देश के पहले ऐसे खेलमंत्री बने जो खिलाड़ी रहे हें. वे सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं. उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि खिलाड़ी भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. खिलाड़ी होने के कारण वे अनुशासित और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहते हैं.’

15वीं लोकसभा में कीर्ति आजाद और नारायण सिंह देव के अलावा पूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरुद्दीन (कांग्रेस)और नवजोत सिंह सिद्धू (भाजपा) भी सदस्य थे. अजहर 2014 में भी मुरादाबाद से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए.  दूसरी ओर, सिद्धू 2014 में लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद राज्यसभा के सदस्य थे. वे राज्यसभा की सदस्यता और भाजपा छोड़कर अब कांग्रेस में आ गए हैं.

इससे पहले 2004 में एथलीट ज्योतिर्मय सिकदर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से चुनाव जीती थी. पूर्व हॉकी कप्तान असलम शेर खान 1984 में लोकसभा सदस्य थे और 1991 में भी जीते. उसके बाद चार चुनाव हार गए. क्रिकेटर चेतन चौहान 1991 और 1998 में अमरोहा से चुनाव जीते. पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप टिर्की ओडिशा से राज्यसभा सदस्य थे. छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम भी राज्यसभा सदस्य रहीं.
क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवा सोलंकी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. वह विवादास्पद कर्णी सेना की महिला शाखा की अध्यक्ष भी रह चुकी है.

पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. मशहूर फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया 2014 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार थे लेकिन हार गए. पूर्व राष्ट्रीय तैराकी चैंपियन और अभिनेत्री नफीसा अली 2004 में कांग्रेस और 2009 में सपा की उम्मीदवार रही लेकिन दोनों बार हार गई.

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