लोकसभा चुनाव 2019: नक्सली गलियारों में भाजपा को क्षेत्रीय दलों की चुनौती, कांग्रेस भी दे रही टक्कर
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लोकसभा चुनाव 2019: नक्सली गलियारों में भाजपा को क्षेत्रीय दलों की चुनौती, कांग्रेस भी दे रही टक्कर

छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित सीटों पर पिछले छह लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर रही है जबकि पश्चिम बंगाल में माकपा और तृणमूल कांग्रेस का प्रभुत्व बना रहा.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: नक्सल प्रभावित 11 जिलों की साढ़े तीन दर्जन सीटों में से करीब 40 प्रतिशत सीटों पर पिछले 25 वर्षों से क्षेत्रीय दलों का दबदबा बरकरार है. छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल को छोड़कर लाल गलियारे में क्षेत्रीय दल अब राष्ट्रीय दलों के लिये चुनौती हैं. छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित सीटों पर पिछले छह लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर रही है जबकि पश्चिम बंगाल में माकपा और तृणमूल कांग्रेस का प्रभुत्व बना रहा. चुनाव आयोग के पिछले छह चुनावों के आंकड़े के अनुसार, छत्तीसगढ़ में राजनंदगांव, महासमुंद, बस्तर, कांकेर सीटें नक्सल प्रभावित रही हैं. 

  1. वारंगल सीट पर 2014 में टीआरएस ने दर्ज कराई थी जीत
  2. MP की बालाघाट सीट पर हमेशा से रहा है BJP का दबदबा
  3. महाराष्ट्र के चंद्रपुर पर भी भाजपा का ही दबदबा रहा
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कांकेर में 1998 के बाद भाजपा का कब्जा
बस्तर एवं कांकेर सीट पर 1998 के चुनाव के बाद से भाजपा का कब्जा बरकरार है. ये सीटें पहले कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी . राजनंदगांव सीट 1998 एवं 2007 उपचुनाव को छोड़कर भाजपा के कब्जे में रही जबकि महासमुंद सीट पर भाजपा एवं कांग्रेस में टक्कर रही. पश्चिम बंगाल की नक्सल प्रभावित झाड़ग्राम सीट 2014 में तृणमूल कांग्रेस और 2009 में माकपा जीती थी. मिदनापुर और बांकुरा सीट 1996 से 2009 तक माकपा के कब्जे में थी और 2014 के चुनाव में दोनों सीट तृणमूल कांग्रेस जीती . पुरूलिया सीट 1996 से 2009 तक फारवर्ड ब्लाक के पास थी और यहां 2014 में तृणमूल कांग्रेस जीती.

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चंदौली सीटों पर भाजपा का प्रभाव
इन चुनावों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सीटों में एक तिहाई सीटों पर भाजपा अपना प्रभाव डालने में सफल रही. बस्तर, कांकेर, लोहरदगा, खूंटी, पलामू, गिरिडीह, रांची, गया, नवादा, पश्चिम चंपारण, सासाराम, बोलांगीर, कोरापुट, बालाघाट, चंदौली सीटों पर भाजपा का प्रभाव रहा. पिछले छह चुनाव के विश्लेषण के अनुसार, नक्सल प्रभावित ''लाल गलियारे'' में करीब 40 प्रतिशत सीटों पर तेदेपा, टीआरएस, झामुमो, राजद, जदयू, लोजपा, वाईएसआर कांग्रेस, अपना दल, हम, रालोसपा जैसे दल धीरे धीरे अपने पांव जमाने में सफल रहे .

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झारखंड के चतरा, पलामू जैसी नक्सल प्रभावित सीटों पर झामुमो, राजद जैसे क्षेत्रीय दलों का प्रभाव रहा . खूंटी, गिरिडीह, धनबाद और रांची सीट पर भाजपा ने अपना प्रभाव बनाये रखा हालांकि इन सीटों पर क्षेत्रीय दलों से उसे कड़ी चुनौती मिली . लोहरदगा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर रही. चतरा सीट पर 2004, 1996, 1998 में भाजपा, 2009 में निर्दलीय, 2004 एवं 1999 में राजद ने जीत दर्ज की थी . पलामू सीट पर 2014, 1996, 98, 99 में भाजपा, 2009 में झामुमो, 2004 तथा 2006 :उपचुनाव: में राजद जीती थी .

बिहार की नक्सल प्रभावित सीटें
बिहार की नक्सल प्रभावित सीटों में जमुई, जहानाबाद, मुंगेर, बांका, वैशाली और मुजफ्फरपुर सीट पर पिछले छह चुनाव में जदयू, राजद, लोजपा जैसे दलों का प्रभाव रहा. औरंगाबाद सीट पर जनता दल एवं समता पार्टी ने कांग्रेस को चुनौती दी, वहीं नवादा सीट पर राजद ने 2004 एवं 1999 में जीत दर्ज की . मुजफ्फरपुर सीट पिछले छह चुनाव में 2014 को छोड़कर क्षेत्रीय दलों के कब्जे में रही . केरल की पलक्कड सीट पर 1996 से 2014 तक लोकसभा चुनाव में माकपा ने जीत दर्ज की थी. तेलंगाना की आदिलाबाद सीट पर पिछले पांच चुनाव में 2004 :टीआरएस जीती: को छोड़कर तेदेपा का कब्जा रहा. खम्मम सीट पर वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा ने कांग्रेस को सफल चुनौती दी तो वारंगल सीट पर 2014 में टीआरएस तथा 2009 में कांग्रेस जीती .

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महाराष्ट्र के चंद्रपुर पर भाजपा का दबदबा
नबरंगपुर एवं कालाहांडी सीट पर बीजद ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को पराजित किया. वहीं संभलपुर सीट पर 2009 :कांग्रेस जीती: को छोड़ कर पिछले पांच चुनाव में बीजद ने जीत दर्ज की. आंध्रप्रदेश में राजमुंदरी, गुंटूर तथा श्रीकाकुलम सीट पर पिछले कुछ चुनाव में तेदेपा का प्रभाव रहा. मध्य प्रदेश की नक्सल प्रभावित सीट बालाघाट एवं महाराष्ट्र के चंद्रपुर पर भाजपा का दबदबा रहा . मध्यप्रदेश की नक्सल प्रभावित बालाघाट सीट पर भाजपा का दबदबा रहा हालांकि 1996 में यहां से कांग्रेस जीती थी.

नक्सलबाड़ी आंदोलन
उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर सीट पर 1998 :भाजपा जीती: को छोड़कर क्षेत्रीय दल सपा, बसपा, अपना दल का कब्जा रहा. नक्सलबाड़ी आंदोलन के बाद झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे 11 राज्यों में लाल गलियारा बना जहां नक्सलियों का प्रभाव रहा है. (इनपुटः भाषा)

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