खेड़ा में मोदी लहर ने रोकी थी कांग्रेस की विजय रथ, इस बार किसकी होगी बाजी
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खेड़ा में मोदी लहर ने रोकी थी कांग्रेस की विजय रथ, इस बार किसकी होगी बाजी

कांग्रेस का गढ़ रहा है खेड़ा लोकसभा सीट 15 बार चुनाव में केवल दो बार ही बीजेपी जीत पाई है.

खेड़ा में कांग्रेस ने 11 बार जीत दर्ज की है और बीजेपी ने 2 बार जीत दर्ज की है. (प्रतीकात्मक फोटो)

खेड़ाः गुजरात प्रदेश का खेड़ा जिला को सुनहरी पत्तियों की भूमि कहा जाता है. खेड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक है. खेड़ा जिला लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मस्थली भी है. पहले इस क्षेत्र का नाम कैरा हुआ करता था. लेकिन बाद में इसका नाम खेड़ा रखा गया.

खेड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. यह कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर कांग्रेस शुरू से ही जीत हासिल करते आ रही है. वहीं, खेड़ा सीट पर हुए 15 बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी मात्र 2 बार ही जीत हासिल कर पाई है. 11 बार कांग्रेस ने इस सीट को जीता है.

1957 में पहली बार इस सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. वहीं, 1962 में पहली बार कांग्रेस उम्मीदवार ने यहां जीत हासिल की. जिसके बाद 1984 तक लगातार कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1989 के चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार ने यहां जीत हासिल की थी. वहीं, इसके बाद 1991 में बीजेपी पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी.

1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से दिनशा पटेल ने खेड़ा में जीत दर्ज की. इसके बाद दिनशा पटेल ने अपना विजय रथ शुरू कर दिया. दिनशा पटेल ने लगातार 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 तक खेड़ा लोकसभा सीट पर अपनी जीत बरकरार रखी.

वहीं, दिनशा पटेल और कांग्रेस के विजय रथ को 2014 में मोदी लहर ने रोक दी थी. बीजेपी के टिकट से देवू सिंह चौहान ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर कांग्रेस के विजय रथ को रोका था. वहीं, अब इस बार भी बीजेपी को खेड़ा में कड़ी चुनौती मिल सकती है. देखना यह होगा की कांग्रेस फिर से अपने सीट पर कब्जा कर पाती है या नहीं.

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