वित्त मंत्री असद उमर ने एफएटीएफ अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में भारत के बजाय समूह में किसी अन्य देश को शामिल करने का आग्रह किया.
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इस्लामाबाद : पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आई तल्खी के बीच पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ नए-नए पैंतरे अपनाने में जुटा है. एक और नई चाल के तहत मनी लॉन्ड्रिंग पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के एशिया-पैसिफिक ग्रुप में भारत को शामिल करने पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है. शनिवार को यह जानकारी सामने आई.
दरअसल, APG एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक FATF-शैली क्षेत्रीय निकाय है. इसमें 41 सदस्य क्षेत्राधिकार, कई पर्यवेक्षक क्षेत्राधिकार और अंतर्राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पर्यवेक्षक संगठन शामिल हैं.
वित्त मंत्री असद उमर ने एफएटीएफ अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में भारत के बजाय समूह में किसी अन्य देश को शामिल करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि भारत का पाकिस्तान के प्रति पक्षपातपूर्ण राय और शत्रुता वाला व्यवहार है.
साथ ही उन्होंने उल्लेख किया कि भारत पाकिस्तान को वैश्विक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर इस समूह में भारत को शामिल किया गया तो इससे पाकिस्तान का उत्पीड़न होगा.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्ययोजना पर काम कर रहा था, लेकिन भारत उसके प्रयासों के बावजूद पाकिस्तान के खिलाफ राजनीतिक भाषण दे रहा था.
असद उमर ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने FATF अध्यक्ष को FATF की समीक्षा के लिए भारत को सह-अध्यक्ष के पद से हटाने के लिए लिखा था.
I have written to the FATF president to remove India from the position of co chair for the Pakistan FATF review. India has blatantly abused its position by lobbying to get Pakistan blacklisted in the last review in Paris. We successfully defended our position Alhamdulillah
— Asad Umar (@Asad_Umar) March 9, 2019
उन्होंने कहा कि भारत ने पेरिस में अंतिम समीक्षा में पाकिस्तान को काली सूची में डालने के लिए पैरवी करके अपनी स्थिति का तिरस्कार किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सफलतापूर्वक अपनी स्थिति का बचाव किया.