Inflation in Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के गिरफ्तार होने से लेकर जेल में जाने तक पड़ोसी मुल्क में लगभग गृह युद्ध का माहौल बन चुका है. महंगाई के जिस मुद्दे पर पाकिस्तान की कमर टूट गई है, आज हम समझेंगे कि इस मुद्दे पर इमरान और शहबाज सरकार में कौन बेहतर है.
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Inflation in Pakistan 2023: पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद से पूरा पड़ोसी मुल्क हिंसा की आग में उबल रहा है. वहीं इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) ने इमरान खान को 8 दिन की NAB रिमांड पर भेज दिया है. बता दें कि इमरान खान शाहबाज सरकार और पाकिस्तान के उच्च अधिकारियों के खिलाफ मुखर होकर बोलते रहे हैं, उन पर भ्रष्टाचार और सरकार के खिलाफ बोलने समेत कई आरोप लगाए गए हैं. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इमरान की गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थकों ने पूरे देश में बवाल काटना शुरू कर दिया है. जगह-जगह पर आगजनी की गई, वहीं कई बिल्डिंग में तोड़फोड़ के वीडियो सामने आ रहे हैं.
आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की एक बड़ी आवाम पर इमरान खान का अच्छा प्रभाव है. ऐसे में हम समझेंगे के इमरान खान और शहबाज शरीफ की सरकार में से कौन पाकिस्तानी जनता के लिए बेहतर है. वर्तमान समय में पाकिस्तान की जनता महंगाई की मार झेल रही है. आपको बता दें कि महंगाई के मामले में इमरान सरकार शहबाज सरकार के मुकाबले कई गुना ज्यादा किफायती थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शहबाज सरकार में बीते एक साल में 1 kg आटे की कीमत 65 रुपये से बढ़कर 160 रुपये हो गई है. वहीं चावल की बात करें तो 1 kg चावल 140 रुपये से बढ़कर 350 रुपये पहुंच गया है.
शहबाज सरकार में पाकिस्तान की आवाम के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम 150 रुपये और 145 रुपये से बढ़कर 280 रुपये लीटर पहुंच चुके हैं. 2022 में पाकिस्तान में रसोई गैस के दाम 2400 रुपये थे वहीं वर्तमान समय में इसे 3400 रुपये में बेचा जा रहा है. पाकिस्तान में चीनी का भाव 90 रुपये किलो से बढ़कर 120 रुपये किलो तक पहुंच गया है.